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पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, अनिल सुतार ने अपने तीन भागीदार के साथ मिल कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। अनिल ने साथियों के साथ मिल कर एक बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी खड़ी की थी। इन लोगों ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 2013 में एयरविल इंटरसिटी के नाम का कमर्शियल प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट के पजेशन की तारीख 2017 अक्टूबर की थी। तकरीबन 2200 लोगों ने इस प्रोजेक्ट में पैसे लगा रखा है, लेकिन अभी तक यहां पर कोई काम नहीं हुआ है। पीड़ित नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हर जगह मदद की गुहार लगा रहे हैं। साथ ही उनके खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, अनिल सुतार ने अपने तीन भागीदार के साथ मिल कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। अनिल ने साथियों के साथ मिल कर एक बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी खड़ी की थी। इन लोगों ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 2013 में एयरविल इंटरसिटी के नाम का कमर्शियल प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट के पजेशन की तारीख 2017 अक्टूबर की थी। तकरीबन 2200 लोगों ने इस प्रोजेक्ट में पैसे लगा रखा है, लेकिन अभी तक यहां पर कोई काम नहीं हुआ है। पीड़ित नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हर जगह मदद की गुहार लगा रहे हैं। साथ ही उनके खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
इस प्रोजेक्ट के बिल्डर्स मनोज चौधरी, विकास और अनिल सुतार हैं। बायर्स ने इनके खिलाफ बिसरख थाने में एफआईआर दर्ज करवा रखी है। इसके साथ ही इन्होंने बताया कि इसकी शिकायत रेरा, ईओडब्ल्यू और एनसीडीआरसी में की थी। लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया है। जिसकी वजह से अब ये इस प्रोजेक्ट के बायर्स मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की तैयारी में हैं.