सूट-बूट की सरकार नहीं कर रही किसानों की चिंता- कांग्रेस
बुंदेलखंड सूखे काे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने साधा मोदी पर निशाना
नोएडा/दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सूखे पर राज्य व केंद्र के बीच चल रही सियासत पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह देश के लिए दुर्भाग्य का विषय है कि उच्चतम न्यायालय को सूखे के विषय पर भी निगरानी करनी पड़ रही है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि आखिर सूखे, जल और सिंचाई जैसे विषयों की निगरानी भी अगर सुप्रीम कोर्ट को करनी पड़े तो लोगों को सोचना पड़ेगा कि फिर ऐसी सरकार की जरूरत ही क्या है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जल-सिंचाई की चिंता करना किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है, जिसमे केंद्र सरकार बुरी तरह असफल साबित हुई है।
‘अडानियों-अम्बानियों की सरकार है ये’
अखिलेश प्रताप सिंह ने पत्रिका को दिए एक बयान में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सूट-बूट की सरकार है और अडानियों-अम्बानियों की सरकार है, इसीलिए ऐसे समय में भी वह बड़े उद्योगपतियों की तो चिंता कर रही है। वह किसानों की चिंता नहीं कर रही है। केंद्र सरकार सूखे पर बिलकुल उदासीन है और उसने अब तक इस दिशा में कोई ठोस काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मुद्दे पर संवेदनशील होती तो अब तक वह इस मामले पर विशेष बैठक करती और राहत कार्य में तेजी लाती लेकिन अब तक ऐसा कुछ न होने से यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार को किसानों और गरीबों की कोई चिंता नहीं है।
यूपी के पचास से अधिक जिले सूखे की चपेट में
बुंदेलखंड क्षेत्र सहित यूपी के 75 जिलों में से पचास से अधिक जिलों में पानी की जबरदस्त किल्ल्त हो रही है। अनेक क्षेत्रों से सूखे के कारण लोगों के पलायन, भुखमरी और बाल मजदूरी की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश सरकार ने सूखे से निपटने के लिए केंद्र से 10 600 करोड़ की राहत मांगी है।
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