पश्चिमी यूपी में कांग्रेस की दलितों पर नजर मध्यप्रदेश, राजस्थन और छत्तीसगढ़ में मायावती के इनकार के बाद में यूपी में कांग्रेस ने बसपा से दूरी बढ़ा ली है। लोकसभा चुनाव २०२९ को लेकर कांग्रेस की यूपी में खास नजर है। एक तरफ जहां भाजपा ने २०१४ में यूपी में शानदार प्रदर्शन किया था। वहीं अब कांग्रेस भी यूपी में अपने वर्चस्व को स्थाापित करने में जुटी है। कांग्रेस ने बसपा से बढ़ती दूरियों को देखते हुए गठबंधन के लिए नए साथी तलाशने शुरू कर दिए हैं। वहीं कांग्रेस नए पैतरे भी अजमा रही है। एक्सपर्ट की माने तो पश्चिमी यूपी में बुलंदशहर, सहारनुपर, बिजनौर व हाथरस और दलित बहुल सीटें हैं। इन सीटों पर कांग्रेस की खास नजर है। यहीं वजह है कि दलितों के सबसे बड़े गढ़ सहारनपुर में कांग्रेस ने माया के किले को भेदना शुरू कर दिया है।
सहारनपुर के रहने वाले विदेश सेवा से जुड़े पूर्व अधिकारी सत्येंद्र कुमार कांग्रेस से जुड़ चुके है। साथ ही एक अन्य अधिकारी कन्हैया लाल भी कांग्रेस में एंट्री कर चुके है। वहीं भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर भी सहारनपुर से ही हैं। चंद्रशेखर को लेकर अटकलों का दौर जारी है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में मायावती का विकल्प चंद्रशेखर बन सकते है। जिससे देखते हुए चंद्रशेखर की निगाह 2019 चुनाव को लेकर है। उधर, कांग्रेस चंद्रशेखर को जोड़ने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस पदाधिकारियों की माने तो दलित समाज का पढ़ा लिखा तबका कांग्रेस के साथ पहले से ही था। वह मानता है कि कांग्रेस ने उनके हितों की रक्षा की है। यही वजह है कि कांग्रेस के साथ दलितों को अपना भविष्य सुरक्षित दिखाई दे रहा है।