जयपुर. राज्य सरकार जन समस्याओं के समाधान के लिए सम्पर्क पोर्टल बनाकर राहत देने का दावा कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में 9 हजार से ज्यादा शिकायतों में से 3300 को दर्ज ही नहीं किया गया।
जिन समस्याओं को निस्तारित बताया गया, उनमें पीडि़तों को राहत नहीं मिली है। मैग्सेसे पुरस्कार विजेता अरुणा रॉय व सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने इस स्थिति का हवाला देते हुए सरकार को घेरा और कहा कि सरकारी दफ्तरों में जवाबदेही के लिए कोई कानून नहीं है। विरोध जताने के लिए प्रदर्शन स्थल तक नहीं है, जनता पीड़ा लेकर कहां जाए।
उन्होंने जवाबदेही कानून के साथ ही जवाबदेही यात्रा पर अकलेरा में हुए हमले के मामले में विधायक कंवरलाल मीणा की गिरफ्तारी की मांग उठाते हुए चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं होने पर जवाबदेही आंदोलन के तहत सूचना एवं रोजगार का अधिकार अभियान के बैनर तले 25 अपे्रल से एक मई श्रमिक दिवस तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में यात्राएं निकाली जाएंगी। 10 से 20 मई तक प्रदेश के चारों कोनों से जयपुर की ओर पदयात्राएं शुरू होंगी। इस दौरान गांव और कस्बों में सभाएं व नुक्कड़ नाटक होंगे। इसके बाद 20 मई से जयपुर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा। अरुणा रॉय, निखिल डे व पीयूसीएल पदाधिकारी कविता श्रीवास्तव ने सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।
95 जगह सरकार के नाम ज्ञापन
उन्होंने बताया कि सोमवार को अभियान की ओर से जनता की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रदेश के 95 से अधिक उपखंड व जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए गए। जयपुर में अभियान का प्रतिनिधिमंडल निखिल डे के नेतृत्व में गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया से मिला और अभियान के प्रतिनिधियों पर अकलेरा में मनोहरथाना विधायक कंवरलाल मीणा की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने बताया कि गृहमंत्री ने वीडियो फुटेज देखकर अधिकारियों से विधायक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। पत्रकारों से बातचीत में अभियान की ओर से अरुणा राय व उनके साथियों ने राशन सामग्री वितरण के लिए काटे गए नाम वापस जोडऩे और पीओएस मशीनों को हटाने की मांग भी उठाई।