तीन एकड़ भूमि जलकर नष्ट हो गई थी गर्मी के कारण जंगल में आग लगने की संभावना बनी रहती है। बीयू परिसर में गत वर्ष 8 मार्च को आकस्मिक आग लगने के कारण लगभग तीन एकड़ भूमि जलकर नष्ट हो गई थी। कूड़ा फेंके जाने के कारण भी गर्मियों के दौरान आगजनी की घटनाएं आम हैं। अधिकारियों ने संदेह जताया था कि यूकेलिप्टस की सूखी पत्तियों पर अधबुझी सिगरेट फेंके जाने के कारण आग लगी। दमकल की दो गाड़ियों को आग बुझाने में करीब तीन घंटे लगे थे। इसके अलावा भी बीयू के जंगलों में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं।
90 होम गार्ड तैनात बीयू ने अपनी हरियाली की सुरक्षा के लिए कर्मियों को तैनात किया है, जो अग्निशमन विभाग के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं। बीयू में लगभग 90 होम गार्ड तैनात हैं, जो तीन शिफ्टों में काम करते हैं। महत्वपूर्ण क्षेत्रों की नियमित निगरानी करते हैं। बीयू परिसर में विविध वनस्पतियों वाला एक जैव विविधता पार्क भी है। पार्क परिसर औषधीय पेड़-पौधों से भरा पड़ा है। पार्क सहित जैव विविधता संरक्षण क्षेत्रों में जड़ी-बूटियों की 61 प्रजातियों की पहचान की गई है। इनमें से 52 प्रजातियां औषधीय महत्व की हैं।
समर्पित अग्निशमन इकाई Fire fighting and emergency services के अधिकारी टी.आर. नंजेगौड़ा ने कहा, बीयू परिसर में एक समर्पित अग्निशमन इकाई है। यह हमें किसी भी आकस्मिक आग पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है, जिससे त्वरित रोकथाम सुनिश्चित होती है। अच्छी बारिश की उम्मीद है। इससे न केवल तापमान कम होगा बल्कि आग लगने की घटनाओं में भी कमी आएगी।
एहतियाती उपाय लागू गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, हमने व्यापक एहतियाती उपाय लागू किए हैं। हमारे कर्मी किसी भी संभावित आग के प्रकोप से निपटने के लिए चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं। आग की घटनाओं को रोकने के लिए Fire Track भी बनाए गए हैं। जैव विविधता पार्क के अधिकारियों को भूसे और सूखे पत्तों के क्षेत्र को खाली करने का निर्देश दिया गया है।
-डॉ. एम. एस. जयकर, कुलपति, बीयू