जानकारी के अनुसार महोत्सव के दूसरे दिन सुबह करीब पौने ग्यारह बजे शनिदेव मंदिर से गाजों बाजों के साथ अयोध्या के अयोध्यादास महाराज, राधेश्यामदास महाराज, गणेश आश्रम वाण के राजू गिरी महाराज, अगवरी के भरत मुनि महाराज के साथ बडगांव के सुन्दरदास महाराज के सानिध्य में शोभायात्रा रवाना हुई। शोभायात्रा के नेहरु नगर कॉलोनी में प्रवेश करने पर श्री बाल हनुमान मन्दिर प्रांगण में श्री बाल हनुमान मित्र मंडल की ओर से शीतल पेय की व्यवस्था की गई। यहां से शोभायात्रा शीतला माता चौक से आखरिया चौक होते हुए गोकुलवाड़ी चौक पहुंची। जहां माली समाज सेवा संस्थान की ओर से अध्यक्ष शंकरलाल सुंदेशा के नेतृत्व में पुष्पवर्षा कर शीतल जल की व्यवस्था की गई। शोभायात्रा श्री राम कृष्ण गोपाल प्राणी सेवा समिति गौशाला अग्रसेन मार्ग, कलापुरा स्ट्रीट, छीपावास नुक्कड़ होकर होली चौक, गोल बिल्डिग, गजानंद मन्दिर, मुख्य बाजार, अम्बिका चौक व दादावाड़ी स्कूल होते हुए प्रतिष्ठा स्थल शनिदेव नवग्रह मन्दिर पहुंच संपन्न हुई।
शोभायात्रा का पुष्पवर्षा से किया स्वागत
शोभायात्रा का गोशाला संस्था, श्री गजानंद मन्दिर सनातन धर्म सेवा समिति तथा दादावाड़ी स्कूल के पास अमर मन्दिर के बाहर श्री सनातन धर्म महिला सेवा समिति की ओर से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। शोभायात्रा में मन्दिर संचालक श्री शक्ति माता मन्दिर ट्रस्ट की कार्यकारिणी के मोहनलाल सुथार, धनराज गहलोत, दामोदर लाल शर्मा, भबुतसिंह भाटी, धनसिंह परमार, उपसमिति सदस्य महेन्द्र सिंह राणावत, छगनलाल सुथार, मंछाराम कुमावत, भंवरलाल लोहार, गणेश राम कुमावत, श्री जागनाथ महादेव मन्दिर ट्रस्ट के मंत्री गंगाराम गोयल, धर्मप्रेमी जुजारसिंह परिहार, वेनाराम कुमावत, हिम्मत राम भाटी, प्रतिष्ठा समारोह समिति सदस्य मांगीलाल टांक, हीरालाल पालीवाल, डॉ रवि शर्मा, सोमप्रसाद साहिल, पार्षद नारायण लाल परिहार, गोपाल परिहार, जयसिंह राठौड़, अमरसिंह, चुन्नीलाल सुथार, प्रकाश कुमावत, ओमप्रकाश कुमावत, बद्रीलाल, आकाश सुथार, नारायण लाल सोनी, कानाराम माली, महिला समिति सदस्य कविता परमार, कमला लोहार, उषा सोनी मंड़ोरा, ओमबाला परमार, उषा अग्रवाल, पिंकी देवी गहलोत, कान्ता देवी परिहार, छगनी परिहार, सरस्वती सोनी, मंजू गहलोत, ललिता शर्मा, हस्तूबेन खंडेलवाल सहित कई धर्मप्रेमी मौजूद थे।
आज होगी मूर्तियों की प्रतिष्ठा
महोत्सव के तीसरे व अंतिम दिन बुधवार को प्रात: मन्दिर में ध्वजा दण्ड व झण्डा इत्यादि के साथ शिव परिवार, हनुमानजी व अन्य देवताओं की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। महाप्रसादी के साथ तीन दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।