जानकारी के मुताबिक, अन्नपूर्णा रसोई संचालकों को नवंबर 2023 के बाद भुगतान नहीं हुआ है। रसोई संचालक संबंधित नगरीय निकायों में बिल प्रस्तुत करने के साथ दर्जनों चक्कर भी निकाल चुके हैं। जल्द भुगतान नहीं होने पर अब कुछ रसोई संचालकों ने भुगतान नहीं होने तक रसोइयों का संचालन बंद करने तक का भी मानस बना लिया है। अगर ऐसा होता है, तो इन रसोइयों के माध्यम से महज आठ रुपए में अपना पेट भरने वाले जरुरतमंद लोगों के समक्ष समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
39 रसोइयां, 3 करोड़ से अधिक राशि बकाया जिले में नगर निगम क्षेत्र सहित नगर पालिका क्षेत्रों में कुल 39 अन्नपूर्णा रसोइयों का संचालन हो रहा है। रसोई संचालकों के अनुसार, निगम क्षेत्र की रसोईयों का दिसंबर 2024 से और पालिका क्षेत्र की रसोइयों का अक्टूबर से भुगतान नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि जिले में संचालित हो रही रसोइयों का करीब 3 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है। हर महीने करीब 60 से 65 लाख रुपए का भुगतान इन रसोइयों का बनता है।
पहले मासिक भुगतान, अब पटरी से उतरी सारी व्यवस्था रसोई संचालकों के अनुसार प्रदेश में नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले इंदिरा रसोई संचालन भुगतान की व्यवस्था मासिक स्तर पर थी। कोई भुगतान बकाया नहीं था। दिसंबर 2024 के बाद भुगतान की व्यवस्था पटरी से उतरी है। पांच महीनों से भुगतान नहीं हो पाया है। वहीं अन्नपूर्णा रसोई संचालन अनुभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का कहना है कि भुगतान राज्य सरकार स्तर से होता है। भुगतान प्राप्त होते ही रसोई संचालकों को भुगतान कर दिया जाएगा।
हर रसोई के लाखों रुपए बकाया रसोई संचालकों के अनुसार महीनों से भुगतान नहीं होने से प्रत्येक रसोई संचालक का लाखों रुपए बकाया चल रहा है। औसत अनुसार 5 से 7.50 लाख रुपए बकाया प्रत्येक रसोई का चल रहा है। यह राशि बकाया होने से अब रसोई संचालकों के समक्ष रसोईयों के संचालन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
गैस सिलेण्डर व सब्जी में उधारी नहीं रसोई संचालकों को राशन सामग्री फिर भी किसी तरह उधार प्राप्त हो रही है, लेकिन गैस सिलेण्डर और प्रतिदिन उपयोग आने वाली सब्जियां उधार में नहीं मिल रही है। निगम क्षेत्र में स्थित प्रत्येक अन्नपूर्णा रसोई में हर महीने 45 से 60 गैस सिलेण्डरों की खपत होती है। वहीं 40 से 50 किलोग्राम सब्जी की खपत रोज होती है।
इतनी सामग्री की खपत निगम क्षेत्र में संचालित हो रही प्रत्येक अन्नपूर्णा रसोई में औसतन एक क्विंटल आटा व चावल, 8 किग्रा दाल, 4 किग्रा अचार, दो गैस सिलेण्डर, 40 किलोग्राम सब्जी, 7 किलोग्राम तेल सहित मिर्च, मसाला इत्यादि की खपत बताई जा रही है। वहीं चार से पांच भोजन बनाने के लिए हलवाई व श्रमिक भी कार्य करते हैं। बिजली का बिल भी बकाया हो गया है। हलवाई और श्रमिकों का वेतन चुकाना मुश्किल हो रहा है।
यह है भोजन क्षमता अन्नपूर्णा रसोइयों में निगम क्षेत्र में 200 थाली सुबह व 200 शाम को जरूरतमंद लोगों के भोजन करने की व्यवस्था है। वहीं पालिका क्षेत्र में यह व्यवस्था 100-100 की है। यह व्यवस्था जनवरी 2024 से है।
अन्नपूर्णा रसोई -एक स्थिति 39 रसोइयां हैं जिले में 30 रसोइयां बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में 09 रसोई पालिका क्षेत्रों में संचालित 400 व्यक्ति की व्यवस्था नित्य निगम क्षेत्र की हर रसोई में 200 व्यक्ति व्यवस्था नित्य पालिका क्षेत्र की प्रत्येक रसोई में
05 महीनों से रसोइयों का भुगतान बाकी 03 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बकाया