यह मिली छूट
-इसमें खाद्य मंत्रालय ने गेहूं की खरीद के लिए सिकुड़े व टूटे हुए गेहूं की सीमा को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत की छूट दी है।
- -चमक विहीन गेहूं की सीमा 70 प्रतिशत तक की छूट दी गई है लेकिन क्षतिग्रस्त व थोड़ा क्षतिग्रस्त के साथ छह प्रतिशत की सीमा रहेगी।
-इस बार खाद्य मंत्रालय ने 2275 रुपए एमएसपी व 125 रुपए बोनस सहित 2400 रुपए में कोई कटौती नहीं की है।
यह व्यवस्था करनी होगी
भारत सरकार उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (भंडारण एवं अनुसंधान प्रभाग) ने छूट के साथ गेहूं की खरीद के लिए कुछ अलग व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया है। इस प्रकार के खरीदे गए गेहूं का ढेर का हिसाब अलग से रखना होगा। भंडारण के दौरान शिथिल मानदंडों के तहत खरीदे गए गेहूं स्टॉक की गुणवत्ता में किसी भी तरह की गिरावट की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।शिथिल विशिष्टताओं के तहत खरीदे गए गेहूं के स्टॉक को प्राथमिकता के आधार पर समाप्त करना होगा। इस छूट के कारण होने वाले किसी भी वित्तीय या परिचालन प्रभाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
पत्रिका खबर का असर
राजस्थान पत्रिका ने एफसीआई की ओर से एमएसपी पर गेहूं की खरीद करने में निर्धारित मापदंडों का हवाला देकर आनाकानी करने को लेकर किसानों की पीड़ा से संबंधित समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद एफसीआई के क्षेत्रीय मंडल प्रबंधक, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व अनूपगढ़ के जिला कलक्टर ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग जयपुर के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखा था। इसके बाद टीम आई और अब छूट मिली है।