त्रिनेत्र ने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक योगेश मोहन के निर्देश पर सभी स्टेशनों के प्लेटफार्म पर पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। स्टेशन परिसरों में कार्यालयों के पास भी पीने के पानी के मटके रखवाए गए हैं। ट्रेनों में, स्टेशनों पर तथा कार्यालयों में जलापूर्ति सामान्य बनी रहे इसके लिए रेलवे प्रतिदिन स्वच्छ व पुन:उपचारित पानी के टैंकर खरीदकर जलप्रबंधन कर रही है।
- बर्बादी रोकने के लिए रेलवे आवासों में पानी की आपूर्ति वैकल्पिक दिनों में की जाती है।
- प्लेटफॉर्म की धुलाई, कोच की सफाई पुन:उपचारित पानी का उपयोग करके की जा रही है।
- सभी बगीचों को पुन:उपचारित पानी से सींचा जा रहा है।
- संभागीय कार्यालय में शौचालयों में फ्लशिंग पुन:उपचारित पानी से की जा रही है, इसके लिए अलग समानान्तर पाइपलाइन बिछाई गई है
- रेलवे स्टेशनों पर जल आपूर्ति हाइड्रेंट लाइनों, सिंक आदि की देखभाल के लिए प्लंबरों को चौबीसों घंटे तैनात किया गया है ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके।
- ओवरहेड टैंक में पानी भरने के दौरान ओवरफ्लो से बचने व इसकी निगरानी के लिए वाल्व मैन को चौबीसों घंटे तैनात किया गया है
- जल आपूर्ति से जुड़े सभी कर्मचारियों को पानी की बर्बादी रोकने के बारे में जागरूक किया गया है।
- जल उपचार संयंत्र का रखरखाव इस प्रकार किया जा रहा है कि अधिकतम उपयोग हो सके।