उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, तेल की कीमतें 30 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं, इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में चावल की कीमत 15 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है और जनता बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब अन्य वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ गई हैं, जिससे वे लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। अपनी बातों को जारी कर रखते हुए आगे कहा, यह निंदनीय है कि तमिलनाडु सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि ऐसी खबरें हैं कि कीमतें और बढ़ेंगी। उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या मूल्य निगरानी समिति को तेल, दाल और किराना वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की जानकारी है।
रामदास ने कहा, क्या मूल्य निगरानी समिति ने कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों की सुविधा के लिए सरकार को इस पर रिपोर्ट सौंपी है? यह ज्ञात नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार से उचित मूल्य की दुकानों पर पारिवारिक कार्डों पर आपूर्ति की जाने वाली दालों और पाम तेल की मात्रा को प्रति कार्ड दो किलोग्राम तक बढ़ाने की मांग की।