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कुण्डेश्वर धाम को मिला पर्यटक ग्राम का दर्जा, संभालने के लिए जिम्मेदार कौन

पार्क, टीन शेडों और महत्वपूर्ण सुविधाएं हो रही गायब, जिम्मेदारी से बच रहे जिम्मेदार टीकमगढ़.जिले का एकमात्र स्थान कुण्डेश्वर धाम जिसे वर्ष २००८ में ग्राम पर्यटक का दर्जा मिला था। उसके तहत टीन शेड, पार्क, मुख्य द्वार और जमाडार नदी के घाट निर्माण हुए थे, अब उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। मंदिर ट्रस्ट […]

टीकमगढ़May 02, 2024 / 05:35 pm

akhilesh lodhi

कुण्डेश्वर धाम पर्यटक ग्राम के लिए आई राशि का यहां हुआ उपयोग

कुण्डेश्वर धाम पर्यटक ग्राम के लिए आई राशि का यहां हुआ उपयोग

पार्क, टीन शेडों और महत्वपूर्ण सुविधाएं हो रही गायब, जिम्मेदारी से बच रहे जिम्मेदार

टीकमगढ़.जिले का एकमात्र स्थान कुण्डेश्वर धाम जिसे वर्ष २००८ में ग्राम पर्यटक का दर्जा मिला था। उसके तहत टीन शेड, पार्क, मुख्य द्वार और जमाडार नदी के घाट निर्माण हुए थे, अब उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन भी जिम्मेदारी से दूर भाग रहा है। जिसके कारण पर्यटक ग्राम के तहत निर्माण किए बेस जर्जर होते जा रहे है। जबकि सोमवार से लेकर हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए आ रहे है।
वर्ष २००८ में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुण्डेश्वर धाम को ग्राम पर्यटक का दर्जा दिया था। उसके विकास निर्माण के लिए ३ करोड ७५ लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। उसमें से १ करोड ५० लाख रुपए टीकमगढ़ नगरपालिका के कार्यों में खर्च किए गए थे। अब उनकी सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है। पार्क में लगाए गए बच्चों के झूले खत्म होते जा रहे है। जमडार नदी किनारे बनाए गए पार्क जर्जर होकर मिठने लगे है और जमडार नदी के घाटों पर अब विधायक निधि से पुन: घाट निर्माण होना शुरू हो गए है। जमडार नदी किनारे लगाया गया पर्यटक ग्राम का शिलान्यास गायब हो गया है।
कुण्डेश्वर धाम पर्यटक ग्राम के लिए आई राशि का यहां हुआ उपयोग
जानकारी के लिए कु ण्डेश्वर धाम को ग्राम पर्यटक का दर्जा मिला था। उसके विकास निर्माण के लिए ३ करोड ७५ लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। उसमें १ करोड २५ लाख रुपए नगरपालिका के महेंद्र सागर की सुंदरता में खर्च किए गए थे। उस राशि से शान ए पार्क, पार्क के सामने की छतरी, कैंदीन के पास गुलाबी पत्थरों का घाट निर्माण और पुरानी टेहरी की ओर तालाब किनारे घाट निर्माण किया गया था। इसके साथ ही तालाब में घूमने के लिए तीन बोट और फव्वारा लगाया गया था, लेकिन शान ए पार्क पार्क छोडक़र सभी असुरक्षित पड़े है।

वर्ष २००८ में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुण्डेश्वर धाम को ग्राम पर्यटक का दर्जा दिया था। उसके विकास निर्माण के लिए ३ करोड ७५ लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। उसमें से १ करोड ५० लाख रुपए टीकमगढ़ नगरपालिका के कार्यों में खर्च किए गए थे। अब उनकी सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है। पार्क में लगाए गए बच्चों के झूले खत्म होते जा रहे है। जमडार नदी किनारे बनाए गए पार्क जर्जर होकर मिठने लगे है और जमडार नदी के घाटों पर अब विधायक निधि से पुन: घाट निर्माण होना शुरू हो गए है। जमडार नदी किनारे लगाया गया पर्यटक ग्राम का शिलान्यास गायब हो गया है।
ग्राम पंचायत शिवपुरी (कुण्डेश्वर) को ग्राम पर्यटक का दर्जा मिला था, लेकिन ग्राम पंचायत की देखरेख में नहीं है। ना ही जिम्मेदारों द्वारा इसकी लिखित सूचना दी गई है। श्रद्धालु हजारों की संख्या में आते है तो पंचायत और अपनी ओर से पानी पिलाने और स्वच्छता पर ध्यान दे देते है।
दिनेश खटीक, सरपंच प्रतिनिधि शिवपुरी (कुण्डेश्वर) ग्राम पंचायत।
ग्राम पर्यटक कुण्डेश्वर धाम ट्रस्ट की देखरेख में नहीं है। इसकी सुरक्षा और व्यवस्था कौन देख रहा है, यह भी मालूम नहीं है। मंदिर मैदान में है सो साफ-सफाई करवा देेते है। मंदिर की ओर से सीसी निर्माण, दीवार के साथ अन्य विभाग और विधायक निधि से घाट निर्माण किए जा रहे है। इसकी देखरेख के लिए लिखित कोई पत्र नहीं है।
नंदकिशोर दीक्षित, अध्यक्ष ट्रस्ट कुण्डेश्वर धाम।
ग्राम पर्यटक धाम का दर्जा मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो गए थे। टीन शीड, मंच, मुख्य द्वार, पार्क और जमडार नदी के घाट निर्माण हुए थे। लेकिन अब उनकी हालत जर्जर होती जा रही है। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी कुण्डेश्वर ट्रस्ट की थी।
सूर्य प्रकाश पस्तौर, पूर्व अध्यक्ष ट्रस्ट कुण्डेश्वर।

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