15 आचार्यों के साथ-साथ करीब 400 जैन साधु-साध्वियों की छत्रछाया
इस मंडप में 15 आचार्यों के साथ-साथ करीब 400 जैन साधु-साध्वियों की छत्रछाया में मुमुक्षुओं को साधु जीवन के प्रतीक स्वरूप ओघो अर्पण करने की विधि सुबह 7.35 बजे शुरू हुई, जो 25 मिनट तक चली। मुमुक्षुओं में 15 पुरुष और 20 महिलाएं शामिल हैं। ओघो अर्पित किए जाने के बाद इन मुमुक्षुओं के सांसारिक नाम का त्याग किया गया और साधु जीवन के नए नाम दिए गए। गौरतलब है कि शहर में 35 दीक्षा महोत्सव की शुरुआत गत 18 अप्रेल को सामैया से शुरू हुई थी। इसके बाद रविवार को वर्षीदान की यात्रा निकाली गई और उसके बाद सोमवार को दीक्षा उत्सव आयोजित किया गया। पांच दिवसीय इस महोत्सव से लगभग पांच लाख लोग लाभान्वित हुए।