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पहली बार वोट डालने वालों में नहीं दिख रहा उत्साह, कौन हुआ चिंतित…किसको होगा नुकसान, इस समीकरण से समझें

सीधा सा मतलब भी निकाला गया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि जब कम तादाद मेंं मतदान होता है, तो जिसके काडर वोट बूथ तक पहुंचते हैं, वही जीत का वरण करता है। मामला जब उदासीन मतदान का हो, तब यह काडर बेस्ड वोट और महत्वपूर्ण हो जाता है।

बीकानेरApr 24, 2024 / 02:33 am

Brijesh Singh

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लोकसभा चुनाव के पहले चरण में लगभग पूरे देश में कम मतदान चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां तक बात बीकानेर की है, तो यहां पर हैरत इसलिए भी ज्यादा है कि नए बने मतदाताओं में भी पहली बार वोट डालने को लेकर कोई खास उत्साह नजर नहीं आया। नतीजा यह रहा कि नए मतदाताओं का मतदान प्रतिशत भी बस किसी तरह से 50 प्रतिशत की सीमा को पार कर सका। आंकड़े बताते हैं कि मतदान के दिन जिले में 18 से 19 वर्ष आयु के नव मतदाताओं का वोट प्रतिशत 53.21 फीसदी रहा। हां सुखद आश्चर्य इस तथ्य को लेकर है कि यहां भी शहरी क्षेत्र के नवमतदाताओं ने अपेक्षाकृत उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस महोत्सव में भागीदारी की।
दरअसल, जिले में लोकसभा चुनाव के दौरान कुल 55855 नवमतदाता थे। इनमें से 29722 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। गौरतलब है कि इस लोकसभा सीट के आंकड़ों में फिलहाल अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र का आंकड़ा शामिल नहीं है।बुजुर्ग भी उदासीन रहेलोकसभा चुनाव के दिन मतदान केन्द्रों पर पहुंचने वाले 85 वर्ष या इससे अधिक आयु के मतदाताओं का प्रतिशत भी 44.79 रहा। जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के लिए 41678 मतदाता सूची में शामिल थे। इनमें 18669 वरिष्ठजन मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग ईवीएम पर किया।
फर्स्ट टाइम वोटर – बीकानेर पश्चिम में सबसे अधिक मतदान

लोकसभा चुनाव के दौरान 18 से 19 साल आयु तक के नव मतदाताओं की ओर से किए गए मतदान में बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदान हुआ। यहां 75.60 प्रतिशत नव मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। जिले में नोखा विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम नव मतदाताओं का मतदान रहा। यहां 41.04 प्रतिशत नव मतदाताओं ने वोट डाले। वहीं खाजूवाला में 56.96 प्रतिशत, बीकानेर पूर्व में 67.34 प्रतिशत, कोलायत में 47.33 प्रतिशत, लूणकरनसर में 49.40 प्रतिशत, श्रीडूंगरगढ़ में 42.40 प्रतिशत नव मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
44.79 फीसदी वरिष्ठजन मतदाताओं ने डाले वोट

लोकसभा चुनाव के दौरान जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों में 44.79 फीसदी वरिष्ठजन मतदाताओं ने ईवीएम के माध्यम से अपने मताधिकार का उपयोग किया। इनकी आयु 85 साल या इससे अधिक रही। सातों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 41678 वरिष्ठजन मतदाताओं में से मतदान के दिन 18669 मतदाता पोलिंग बूथ तक पहुंचे और वोट डाला।
क्या हैं इसके मायने

सभी विश्लेषक पहले दौर की वोटिंग में कम भागीदारी रहने पर तमाम तरह से विश्लेषण कर रहे हैं। हालांकि, इसका सीधा सा मतलब भी निकाला गया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि जब कम तादाद मेंं मतदान होता है, तो जिसके काडर वोट बूथ तक पहुंचते हैं, वही जीत का वरण करता है। मामला जब उदासीन मतदान का हो, तब यह काडर बेस्ड वोट और महत्वपूर्ण हो जाता है।

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