मुंहबोले भाई ने निभाएं फर्ज की गांव में चर्चा है और ग्रामीणों का कहना है कि भगवान दु:ख देता है तो मदद के लिए कोई रास्ता भी खोलता है।बता दें कि रंजना छह बहन-भाई में सबसे छोटी थी। उसके पिता भूपसिंह मजदूरी करके जैसे-तैसे परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। इस बीच साल 2018 में रंजना का भाई रंजीत की एक सडक़ हादसे में मौत हो गई। वह घर का मुख्य कर्ताधर्ता था, इस घटना से परिवार पर दु:खों को पहाड़ टूट पड़ा। इससे परिस्थिति परिवार जूझ ही रहा था कि जुलाई 2021 में चम्बल नदी में आई बाढ़ ने उसके दूसरे भाई विजय सिंह को भी लील लिया। दोनों बेटों की मौत के बाद इस सदमे को पिता भूप सिंह जाटव सह नहीं पाए और चारपाई पकड़ ली। यह देख बहनें चिंतित हो गई और जिन्दगी का संघर्ष शुरू हो गया।
शिवशंकर आए आगे, परिवार की मददभूप सिंह के परिवार की स्थिति देख गांव के सामाजिक कार्यकर्ता शिवशंकर परिहारआगे आए। उन्होंने परिजनों ने बात की और मदद का भरोसा दिया। घर में सबसे छोटी बेटी रंजना को सार्वजनिक रूप से सगी बहन का दर्जा देकर उसकी जिम्मेदारी उठाने का आश्वासन दिया।
पिछले साल पिता भी छोड़ गए साथ इस दौरान साल 2023 में बीमार रंजना के पिता भूपसिंह भी दोनों बेटों के दु:ख को सहन न कर पाए। लगातार बीमारी के चलते पिता भूप सिंह का भी पिछले साल निधन हो गया। इससे परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन इस दौरान मुंह बोले भाई ने परिजनों को दिलासा दिया और मदद का भरोसा दिया।
दिए वादे को शिवशंकर ने निभाया पिता के निधन के बाद मुंहबोले भाई शिवशंकर पर बहन रंजना की विवाद की जिम्मेदारी आ गई। उन्होंने मां व अन्य के साथ मिलकर रंजना के लिए उचित वर तलाशना शुरू कर दिया। अंत में पड़ोसी जिले आगरा के तीर्थ बटेश्वर निवासी बंटी के साथ रंजना का विवाह तय हुआ। अब उसके विवाह की रस्में मां के साथ भाई शिवशंकर ने मिलकर पूरी की और नवदंपती को सुखद जीवन का आशीर्वाद देकर विदा किया।