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नई दिल्ली

किसी को बिना वेतन के काम कराना एक सभ्य समाज की भावना के विरुद्ध है: HC

स्कूल के सात शिक्षकों ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें अप्रैल माह 2018 से वेतन नहीं दिया गया है।

नई दिल्लीSep 08, 2018 / 06:50 pm

Anil Kumar

किसी को बिना वेतन के काम कराना एक सभ्य समाज की भावना के विरुद्ध है: HC

किसी को बिना वेतन के काम कराना एक सभ्य समाज की भावना के विरुद्ध है: HC

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए एक बेहद ही भावनात्मक टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि बिना वेतन के किसी भी कर्मचारी से काम लेना किसी भी सभ्य समाज की भावना के विरुद्ध है। बता दें कि हाइकोर्ट ने यह टिप्पणी सात शिक्षकों को पांच माह से वेतन न दिए जाने संबंधि एक याचिका की सुनवाई करते हुए की।

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पांच महीने से नहीं मिला है वेतन

आपको बता दें कि यह मामला लोनी रोड स्थित सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल से जुड़ा हुआ है। स्कूल के सात शिक्षकों ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें अप्रैल माह 2018 से वेतन नहीं दिया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सी. हरि शंकर ने नाराजगी जाहिर करते हुए सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी। पीड़ित अध्यापकों ने वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल के जरिए अदालत में याचिका दायर कर वेतन दिलाने की मांग की है। पीड़ित शिक्षकों ने याचिका में आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन ने छठे वेतन आयोग की सिफािरशों को लागू नहीं किया है। साथ ही स्कूल में कार्यरत60 कर्मचारियों को पांच महीने से वेतन नहीं दिया है। 60 कर्मचारियों में से 45 शिक्षक हैं जबकि 15 अन्य कर्मचारी हैं। स्कूल में करीब एक हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि स्कूल प्रशासन इन बच्चों से आठ हजार रुपए प्रति माह फीस लेता है। इसके बावजूद भी शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। आपको बता दें कि दिल्ली समेत देशभर में कई ऐसे स्कूल हैं जहां पर बच्चों से हजारों रुपए फीस के तौर पर वसूला जाता है। लेकिन बहुत सारे स्कूलों में बच्चों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी जाती है। बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जाता है। साथ ही शिक्षकों पर अत्यधिक दबाव डाला जाता है।

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