scriptनेशनल हेराल्ड हाउस मामले में बढ़ सकती हैं राहुल-सोनिया की मुश्किलें, इमारत पर जब्ती की लटकी तलवार | In the National Herald House case, Rahul-Sonia's problems may increase | Patrika News

नेशनल हेराल्ड हाउस मामले में बढ़ सकती हैं राहुल-सोनिया की मुश्किलें, इमारत पर जब्ती की लटकी तलवार

locationनई दिल्लीPublished: Aug 09, 2018 05:26:57 pm

Submitted by:

Anil Kumar

नेशनल हेराल्ड मामले में आयकर विभाग के जुर्माना लगाने के बाद अब यंग इंडिया कंपनी के मुख्यालय हेराल्ड हाउस पर जब्ती की तलवार लटक गई है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने एक नोटिस जारी करते हुे बिल्डिंग खाली करने का आदेश दिया है।

नेशनल हेराल्ड हाउस मामले में बढ़ सकती हैं राहुल-सोनिया की मुश्किलें, इमारत पर जब्ती की लटकी तलवार

नेशनल हेराल्ड हाउस मामले में बढ़ सकती हैं राहुल-सोनिया की मुश्किलें, इमारत पर जब्ती की लटकी तलवार

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड से संबंधित एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरिम राहत नहीं मिलने के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल नेशनल हेराल्ड मामले में आयकर विभाग के जुर्माना लगाने के बाद अब यंग इंडिया कंपनी के मुख्यालय हेराल्ड हाउस पर जब्ती की तलवार लटक गई है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने एक नोटिस जारी करते हुे बिल्डिंग खाली करने का आदेश दिया है। अब यह माना जा रहा है कि मंत्रालय की इस कार्रवाई से राहुल और सोनिया की मुश्किलें बढ़ सकती है। गौरतलब है कि यंग इंडिया कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कुल 76 फीसद हिस्सेदारी है।

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10 वर्षों से बिल्डिंग का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है

आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय ने यह नोटिस दो दिन पहले जारी किया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि मंत्रालय ने यह कदम मामले की एक जांच रिपोर्ट के बाद उठाया है। जांच में पाया गया है कि हेराल्ड हाउस का आवंटन राजधानी दिल्ली के आईटीओ स्थित प्रेस एंक्लेव में जिस उद्देश्य के लिए किया गया था, उसके लिए उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड हाउस का आवंटन समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए किया गया था, लेकिन पिछले 10 वर्षों से ऐसा नहीं किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बीते 10 वर्षों से नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।

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जांच में किया पाया गया

आपको बता दें कि जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि बीते आठ वर्षों से बिल्डिंग के स्वामित्व वाली कंपनी यंग इंडिया ने इसे किराये पर उठा रखा है। इसके एवज में यंग इंडिया हर महीने 80 लाख रुपए का भुगतान करता है। इसके अलावे बिल्डिंग के दो फ्लोर को पासपोर्ट सेवा केंद्र को किराये पर दिये गये हैं। इसी मामले को लेकर आयकर विभाग ने करोड़ों रुपए का जुर्माना लगा रखा है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरी विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ अधिकारियों की एक टीम ने दो महीने पहले नेशनल हेराल्ड हाउस का मुआयना किया था। इसके बाद जांच में यह पाया गया कि बीते 10 वर्ष से इस इमारत में अखबार से संबंधित कुछ भी काम नहीं हो रहा था। बता दें कि 1950 के दौरान बहुत ही रियायती दर पर अखबार के प्रकाशन के लिए जमीन का आवंटन पट्टे पर किया गया था। इसी तर्ज पर नेशनल हेराल्ड को देश के दूसरे बड़े शहरों में भी जमीनों का पट्टा आवंटन किया गया है। बहुत ही सस्ती दरों पर लखनऊ, पटना, मुंबई, पंचकूला, भोपाल और इंदौर में जमीन दी गई थी। अब मामले के खुलासे के बाद से इसकी जांच विभिन्न राज्यों में वहां की सरकारें अपने स्तर पर कर रही हैं।

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14 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

आपको बता दें कि बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड से संबंधित आयकर पुनर्मूल्यांकन मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। इससे पहले राहुल गांधी ने आयकर विभाग की ओर से उन्हें जारी एक नोटिस को न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें विभाग ने नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच वर्ष 2011-12 में हुए वित्तीय लेन-देन के कर पुनर्मूल्यांकन को दोबारा खोले जाने के संबंध में नोटिस जारी किया था। राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी यंग इंडिया में प्रमुख हितधारक है, जिसने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड(एजीएल) का अधिग्रहण किया है। नेशनल हेराल्ड अखबार एजीएल द्वारा प्रकाशित होता है। अदालत में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील ने पीठ से अपील करते हुए कहा कि आयकर विभाग की ओर से किसी भी दंडात्मक कदम उठाने से अंतरिम राहत दी जाए। इस पर आयकर विभाग की तरफ से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि आयकर विभाग ने राहुल गांधी के खिलाफ कर मूल्यांकन दोबारा शुरू किया है, क्योंकि उन्होंने यह सूचना दबाई कि वह यंग इंडिया के निदेशक हैं। राहुल गांधी के वकील ने कहा कि कोई भी कर-देनदारी नहीं है, क्योंकि इसके जरिए उन्होंने कोई भी आय प्राप्त नहीं किया है। बता दें कि सभी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई 14 अगस्त के लिए मुकर्रर कर दी।

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