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नई दिल्ली

नोटबंदीः बड़े सवालों पर गवर्नर ने साधी चुप्पी, मनमोहन सिंह ने किया बचाव

 रिजर्व बैंक ने अब तक यह जानकारी नहीं दी है कि नोटबंदी के बाद 15.44 लाख करोड़ रुपए के प्रतिबंधित नोटों में से कितनी रकम बैंकों में वापस आई है।

नई दिल्लीJan 18, 2017 / 08:37 pm

शिव शंकर

urjit patel

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल बुधवार को संसद की वित्तीय समिति के सामने पेश हुए। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उर्जित पटेल ने बताया कि नोटबंदी के बाद 9.2 लाख करोड़ की नई करंसी आ चुकी हैं। बैंकों में कितनी नई करंसी जमा की गई, इस सवाल पर उर्जित पटेल खामोश रह गए।

मनमोहन सिंह ने पटेल से कहा- मत दीजिए इसका जवाब
संसदीय समिति के कुछ सवालों में जब उर्जित पटेल फंसने लगे तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीच में दखल देते हुए उनकी मदद की। मनमोहन सिंह भी भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं। सिंह ने उर्जित को उन सवालों को जवाब नहीं देने की सलाह दी, जिससे आरबीआई के लिए समस्याएं पैदा हों। रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस सांसद ने आरबीआई गवर्नर से पूछा था कि निकासी पर लगी मौजूदा पाबंदी हटा दीं जाए तो क्या अराजकता खत्म हो जाएगी। इस पर सिंह ने गवर्नर से कहा, ‘आपको इस सवाल को जवाब नहीं देना चाहिए।’

इन सवालों के जवाब नहीं दे पाये गवर्नर
वहीं टीएमसी सांसद और स्थाई संसदीय कमेटी के सदस्य सौगत रॉय ने मीडिया से कहा कि हमें भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों में से किसी ने नहीं बताया कि सिस्टम कब तक सामान्य होगा। साथ ही रॉय ने बताया कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल हमें यह भी नहीं बता पाए कि नोटबंदी के बाद से कितने पुराने नोट बैंकों में जमा हुए हैं। बताया कि आरबीआई गवर्नर हमें यह बताने में असफल रहे कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास कितने पैसे आए। रॉय के मुताबिक उर्जित पटेल ने यह भी नहीं बताया कि हालात कब तक सामान्य होंगे।


कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली के नेतृत्व वाली वित्तीय मामलों पर संसद की स्थाई समिति को उर्जित ने बताया कि जनवरी, 2014 में 1000 रुपए के नोटों की एक सीरीज को आंशिक रूप से वापस ले लिया था। रिजर्व बैंक ने अब तक यह जानकारी नहीं दी है कि नोटबंदी के बाद 15.44 लाख करोड़ रुपए के प्रतिबंधित नोटों में से कितनी रकम बैंकों में वापस आई है।

कहा, बीते साल जनवरी से ही शुरू प्रक्रिया
उर्जित पटेल ने संसदीय समिति को यह भी बताया कि नोटबंदी की प्रक्रिया पिछले साल जनवरी से ही शुरू हो गई थी। आरबीआई गवर्नर का यह बयान समिति को पहले दिए गए उस लिखित बयान के उलट है जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को प्रचलन से हटाने की घोषणा से सिर्फ एक दिन पहले 7 नवंबर को सरकार ने आरबीआई को बड़े रद्द नोटों को बैन करने की सलाह दी थी।

शुक्रवार को थॉमस के समक्ष पेश हो सकते हैं उर्जित
शुक्रवार को उर्जित पटेल केवी थॉमस के नेतृत्व वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष भी पेश हो सकते हैं। थॉमस ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि अगर जरूरत हुई तो नोटबंदी के मुद्दे पर सफाई देने के लिएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समन किया जा सकता है. इस बयान के खिलाफ भाजपा ने लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत करथॉमस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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