बता दें कि जिला मुख्यालय पर इस बार मकर सक्रांति पर बिकने के लिए दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर से पतंगें आई हैं। वहीं पतंगों को उड़ाने के लिए बरेली का प्रसिद्ध मांझा आया है। यानी इस बार बरेली के मांझे से दिल्ली, जयपुर व अहमदाबाद की पतंगों के बीच पैंच लड़ेंगे। पतंगों के थोक व फुटकर विक्रेता योगेश प्रजापति ने बताया कि वैसे तो पतंग कागज, प्लास्टिक व कपड़े तीन प्रकार की आ रही है, लेकिन युवाओं का सबसे अधिक रुझान कागज की पतंगों में अधिक हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों द्वारा प्लास्टिक की पतंगों को अधिक पसंद किया जाता है।
बरेली का मांझा बिक रहा नाम से
शहर में बरेली के मांझे की अधिक डिमांड नजर आ रही है। इसी के चलते शहर की थोक व फुटकर सभी दुकानों पर बरेली का ही मांझा नजर आ रहा है। यह मांझा अलग अगल चकरियों में लंबाई के मान से ५० रुपए से लेकर ४०० रुपए तक की चकरियों व बच्चों के लिए खुले रूप से भी बिक रहा है। ताकि बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी अपना पतंग का शौक पूरा कर सकें। शहर में दिसंबर माह की शुरूआत से ही आसमान में पतंगे उडऩा शुरू हो जाती है। जो मकर सक्रांति के बाद तक बच्चों व युवाओं के लिए उत्साह का केंद्र रहती है।
शहर में बरेली के मांझे की अधिक डिमांड नजर आ रही है। इसी के चलते शहर की थोक व फुटकर सभी दुकानों पर बरेली का ही मांझा नजर आ रहा है। यह मांझा अलग अगल चकरियों में लंबाई के मान से ५० रुपए से लेकर ४०० रुपए तक की चकरियों व बच्चों के लिए खुले रूप से भी बिक रहा है। ताकि बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी अपना पतंग का शौक पूरा कर सकें। शहर में दिसंबर माह की शुरूआत से ही आसमान में पतंगे उडऩा शुरू हो जाती है। जो मकर सक्रांति के बाद तक बच्चों व युवाओं के लिए उत्साह का केंद्र रहती है।
२०० रुपए तक की पतंग है बाजार में
जिस प्रकार क्रिकेट, फुटबॉल सहित अन्य खेलों में खिलाडिय़ों का उत्साह नजर आता है। उसी प्रकार पतंग में भी पतंगबाजों का विशेष उत्साह रहता है। पतंग उड़ाने के प्रेमी इस सीजन का इंतजार करते हैं। ताकि इस मौसम में जी भर कर पतंग उड़ाई जा सके। वर्तमान में शहर की छतों व मैदानों में पतंग उड़ती नजर आने लगी है। अब जैसे जैसे मकर सक्रांति का पर्व नजदीक आता जाएगा। वैसे वैसे शहर के आसामान में पतंगों की संख्या बढ़ती नजर आएगी। शहर में वैसे तो २ रुपए से लेकर २०० रुपए तक की पतंग आई है। लेकिन महंगी पतंगें मकर सक्रांति के दिन अधिक बिकती है। वहीं आम दिनों में २ रुपए से लेकर १० रुपए तक की पंतगों की डिमांड अधिक है।
जिस प्रकार क्रिकेट, फुटबॉल सहित अन्य खेलों में खिलाडिय़ों का उत्साह नजर आता है। उसी प्रकार पतंग में भी पतंगबाजों का विशेष उत्साह रहता है। पतंग उड़ाने के प्रेमी इस सीजन का इंतजार करते हैं। ताकि इस मौसम में जी भर कर पतंग उड़ाई जा सके। वर्तमान में शहर की छतों व मैदानों में पतंग उड़ती नजर आने लगी है। अब जैसे जैसे मकर सक्रांति का पर्व नजदीक आता जाएगा। वैसे वैसे शहर के आसामान में पतंगों की संख्या बढ़ती नजर आएगी। शहर में वैसे तो २ रुपए से लेकर २०० रुपए तक की पतंग आई है। लेकिन महंगी पतंगें मकर सक्रांति के दिन अधिक बिकती है। वहीं आम दिनों में २ रुपए से लेकर १० रुपए तक की पंतगों की डिमांड अधिक है।
शहर में पतंगों के शौकिन युवाओं द्वारा कागज की पतंगों की अधिक डिमांड की जाती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों व बच्चों में प्लास्टिक की पतंगों का अधिक रुझान रहता है। शहर में दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर से पतंगे आती है वहीं मांझा बरेली का प्रसिद्ध होने के कारण सभी के द्वारा बरेली के मांझे की ही मांग की जाती है।
– योगेश प्रजापति, पतंग व मांझे के थोक व फुटकर विक्रेता
– योगेश प्रजापति, पतंग व मांझे के थोक व फुटकर विक्रेता