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स्टेशन के सामने बनेगा सर्किल और टूटेगा पुराने भवन – डीआरएम सुनकर

locationनीमचPublished: Jul 12, 2019 01:16:42 pm

Submitted by:

Virendra Rathod

वेटिंग रूम पर ताला लगा होने पर स्टेशन मास्टर को टोका

patrika

स्टेशन के सामने बनेगा सर्किल और टूटेगा पुराने भवन – डीआरएम सुनकर

नीमच। पश्चिम मध्य रेलवे रतलाम मंडल के डीआरएम आरएन सुनकर सुबह नो बजे से रतलाम से मंदसौर निरीक्षण करते हुए नीमच दोपहर करीब तीन बजे गुरुवा को पहुंचे। जहां पर अल्पहार के तुरंत बाद उन्होंने निरीक्षण शुरू किया। उन्होंने रेलवे स्टेशन के सामने आवागमन को हो रही दिक्कत पर बात करते हुए। यूनियन कार्यालय और स्वास्थ्य केंद्र परिसर सहित कुछ आवास को गिराकर सड़क चौड़ा करने और रेल के डेमो को सर्किल में लेकर आवागमन को सहज सरल करने की योजना इंजीनियरों को बताई और जल्द काम करने की हिदायत दी। इस दौरान रेलवे कार्यपालन इंजीनियन कैलाश मीणा, एडिशनल डिवीजनल इंजीनियर एन दस और स्टेशन मास्टर आरपी मीना उपस्थित थे।

डीआरएम सुनकर टीम के साथ रेलवे स्टेशन के अंदर घुसे और बुकिंग विंडो की व्यवस्था देखते हुए स्टेशन मास्टर के चेम्बर की तरफ बड़े इसी दौरान वेटिंग रूम पर ताला लगा होने पर उन्होंने उसे खुला रखने की बात स्टेशन मास्टर से की। वहीं आगे प्लेटफार्म और पटरी का निरीक्षण किया। शेड के निरीक्षण के दौरान शेड के बीम मानक के अनुसार नहीं बनने पर उसे ठीक प्रकार से लगाने की इंजीनियर्स को हिदायत दी। वहीं नए प्लेटफार्म और आरपीएफ थाने को हटाकर वहां नए भवन के निर्माण की योजना बताई। वहीं सीआईएसएफ का भी प्लेटफार्म पर ऑफिस जल्द बनने की बात कही। आरपीएफ को पार्सल ऑफिस के पास ले जाया जाएगा।

प्लेटफार्म की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी
पत्रकारों से रूबरू होते हुए डीआरएम सुनकर ने बताया कि नीमच के प्लेटफार्म की ऊंचाई करीब ७६ सेमी बढ़ाई जाएगी। जिससे ट्रेन से उतरते समय यात्रीगण को परेशानी का सामना नहीं करना पडेग़ा। वहीं स्टेशन परिसर में मल्टीप्लेक्स बिल्डिंग का जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा। चित्तौडग़ढ़ लेबल क्रॉसिंग गेट पर ओवरब्रिज बनेगा। जिसके लिए लोकल सहयोग चाहिए। राज्य सरकार स्वीकृती मिलते ही जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

ट्रेक होगा विद्युतीकरण
डीआरएम सुनकर ने बताया कि रतलाम से जावरा और जावरा से मंदसौर और मंदसौर से नीमच तथा नीमच से चित्तोडग़ढ़ तक विद्युतीकरण कार्य किया जा रहा है। यह मार्च तक पूरा हो जाएगा। जिसके बाद इंदौर-भोपाल से आने वाली गाड़ी सीधे चित्तौउ़ और अजमेर जाएगी और समय की बचत होगी। इंजन बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विक्रम सीमेंट वाले ट्रेक पर भी विद्युतीकरण किया जाएगा। जिससे आवागमन में आसानी होगी। पहले 600 वेगन प्रति दिन लगते थे जो कि वर्तमान में बढ़कर ६७० हो गए है। दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। विक्रम सीमेंट के अतिरिक्त माल भाडे का यहां कोई विकल्प नहीं है।

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