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Police Station Break जो खुद चलने में असमर्थ उसे ही सौंप दी तस्कर की पहरेदारी

locationनीमचPublished: Jul 11, 2019 12:45:55 pm

Submitted by:

Mukesh Sharaiya

मादक पदार्थ तस्कर के फरार होने में फसें हैं कई पेच

Neemuch Police Station Break Letest News In Hindi

फरार आरोपी सत्यनारायण बेरवा

नीमच. कनावटी जेल से 4 कैदियों के फरार होने के बाद भी पुलिस विभाग ने कोई सबक नहीं लिया। आश्चर्य की बात है कि मादक पदार्थ की तस्करी के आरोपी की चौकीदारी एक ऐसे आरक्षक को सौंप दी जो स्वयं चलते तक में असमर्थ है। तीन दिन में भी पुलिस फरार आरोपी को पकडऩे में विफल रही है।

रोशनदान से फरारी की कहानी नहीं पच रही
जाट चौकी से एनडीपीएस का आरोपी सत्यनारायण बेरवा रोशनदान में से फरार हुआ था। सत्यनारायण की कद-काठी और वजन के व्यक्ति को रोशनदान में से निकाला गया। काफी आसानी वो रोशनदान में से निकल गया। रोशनदान पार करते समय उसके पैरों तक के निशान दीवार पर नहीं बने। हवालात के बाकी रोशनदान में खिड़की लगी थी। ऐसे में सत्यनारायण जिस रोशनदान से फरार हुआ वहां की खिड़की और कांच कहा गए। इस बारे में चौकी स्टाफ से अब तक कोई जानकारी नहीं मिली। एफएसएल टीम को भी जांच में रोशनदान से ताजा छेड़छाड़ के कोई सुराग नहीं मिले। इससे भी चौकी स्टाफ की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस अधिकारी आरोपी के फरार होने को लेकर अब तक बताई कहानी पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। सत्यनारायण के फरार होने से पहले एक प्रधानआरक्षक और एक आरक्षक वहां तैनात रहता था। सोमवार रात को अनफिट आरक्षक को अकेले तैनात करने से भी आरोपी को भगाने में पुलिस की भूमिका पर शक होता है।

आरक्षक की भूमिका की हो रही जांच
जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने बताया कि जाट चौकी प्रभारी सुमित मिश्रा को निलंबित करने के बाद उनके स्थान पर एसपी ऑफिस में पदस्थ एसआई शंभुसिंह चुंडावत को चौकी प्रभारी बनाया गया है। आरोपी की तलाश में बेगूं, चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा, सिंगोली आदि जगह टीम को भेजा है। सिंगोली में सत्यनारायण बेरवा के रिश्तेदार भी रहते हैं। सिंगाली गई टीम लौट आई है। वहां उसका कोई सुराग नहीं मिला। आरोपी किन परिस्थितियों में भाग, क्यों भाग, कैसे भागा। फरार होते समय चौकी प्रभारी कहां थे। आरक्षक सो रहा था या उसकी भी आरोपी को भगाने में भूमिका रही है आदि बिंदुओं की जांच की जा रही है।

अनफिट की तैनाती बड़ी चूक
यह बात सही है कि आरक्षक जफर मुल्तानी का कुछ माह पहले ही ऑपरेशन हुआ है। फिजिकली अनफिट था। इसके बाद भी उसे अकेले पूरी चौकी की चौकसी की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। यह बहुत बड़ी लापरवाही है। आरक्षक के स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यक जानकारी मांगी गई है। आरक्षक और चौकी प्रभारी को अभी क्लीनचिट नहीं दी गई है। दोनों की भूमिका की जांच चल रही है।
– राजीव मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

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