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गुरु की वाणी श्रोता के अंर्तमन में नवचेतना का संचार करती है

locationनीमचPublished: Nov 20, 2018 11:14:49 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

गुरु की वाणी श्रोता के अंर्तमन में नवचेतना का संचार करती है

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गुरु की वाणी श्रोता के अंर्तमन में नवचेतना का संचार करती है

नीमच. पूर्व दिशा में सूर्योदय होने पर केवल प्रकृति ही नहीं अपितु सारा संसार प्रफुल्लित हो उठता है। गुलाब के लिखने पर केवल डाली ही नहीं सारा उपवन सुगंधित हो उठता है। वैसे ही जब किसी असाधारण विभूति का धरती पर अवतरण होता है जब एक परिवार ही नहीं अपितु सम्पूर्ण जगत आनंदमय हो उठता है। ऐसे आचार्य मसा. आज 32 वीं पुण्यतिथी मनाने का सुअवसर नीमच श्रीसंघ को प्राप्त हुआ । आपश्री का जन्म मेवाड़ के लवाडा में हुआ । आपने जन-जन का कल्याण किया ।
यह बात साध्वी उपेन्द्र यशा श्रीजी मसा ने कही वे मंगलवार सुबह जैन भवन सभागार में आयोजित हिमाचलसूरीश्वरजी मसा की 32 वीं पुण्यतिथि की गुणानुवाद सभा कार्यक्रम में बोल रही थी । उन्होंने कहा कि आपने जहां-जहां चार्तुमास किया वहां मूर्तिपलक स्थानकवासी तेरापंथ सभी समुदाय में एकता कायम की । गुरू कृपा की कितनी प्रशंसा करना गुरूदेव गुरू कृपा का वह सूर्य है । जिसके प्रकाश में अंतर का अंधकार मिट जाता है । गुरूकृपा से विध्नो का पहाड़ दूट जाता है गुरू की वाणी जीवन में नई उमंग भरती है । गुरू की वाणी श्रोता के अन्र्तमन में नवचेतना का संचार करती है । नर को नारायण बनाने का काम करती है । आत्मा को परमात्मा बना देती है ऐसे गुरूदेव नाकोड़ा तीर्थोद्वारक हिमाचलसूरी मसा. को भूल नहीं सकते ।
साध्वी सुप्रीतरत्ना ने भी गुरूदेव के चमत्कार बताए । 32 भाग्यषाली ड्रा में चांदी के सिक्कों का वितरण किया गया । सचिव मनीश कोठारी ने कहा कि हिमाचल गुरूदेव के आर्शीवाद से अनेक रोग भी दूर होते है । महेन्द्र चौधरी ने कहा कि हिमाचल सूरीश्वर मसा ने नाकोड़ा तीर्थ का उद्वारक किया गया । सभी समाजजन चांदी की पिछवाई शुभारम्भ कार्यक्रम में 23 नवम्बर को सहभागी बने ।
इस अवसर पर ममता जैन व रानी मेहता दादावाड़ी ने गुरूवर आपका नाम विश्व में छा गया, मानवता के प्रहरी पैगाम अमर तेरा हर कार्य अगर हो नाम अमर तेरा, दुनिया के तीर्थो में नाकोड़ा अमर तेरा आदि कर्ण प्रिय गीत प्रस्तुत किया । 12 नवकार मंत्र की आराधना की गई । 80 आयम्बिल की सामुहिक तपस्या हुई । गुरू पूजा का आखेसिंह कोठारी परिवार द्वारा धर्मलाभ लिया गया । गुरूदेव के चित्र पर माल्यार्पण एवं 32 दीपक प्रज्जवलित कर गुणानुवाद धर्मसभा का शुभारम्भ किया गया । धार्मिक चढ़ावे की बोलिया लगाई गई। धर्मसभा का संचालन ट्रस्ट सचिव मनीष कोठारी ने किया । मुक्ता डुंगरवाल ने सुर्य कोठि चन्द्रा की प्रतिमा अक्षय ज्ञान ज्योति की धारा गुरू चरणों में शत शत वन्दन करते हैं रचना प्रस्तुत की ।
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