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Jal Shakti Abhiyan मृत नदी को जीवित करने का कर रहा है प्रशासन जतन

locationनीमचPublished: Aug 24, 2019 03:05:32 pm

Submitted by:

Mukesh Sharaiya

पत्रिका एक्सक्लूसिव

Neemuch Jal Shakti Abhiyan Letest News In Hindi

नीमच

नीमच. करीब एक दशक पहले जिले की एक नदी अपना अस्तित्व खो चुकी है। इस नदी को जीवित करने के लिए शासन प्रशासन जतन करने में लगा हुआ है। 33 किलोमीटर लम्बी इस नदी के जीवित होने से हजारों किसान लाभांवित होंगे। हजारों हेक्टेयर में हरियाली फैलेगी।

37 हजार हेक्टेयर क्षेत्र होगा प्रभावित
जलसंरक्षण के क्षेत्र में यूं तो लगातार काम हो रहे हैं, लेकिन नीमच जिले की बोरखड़ी नदी को पुनर्जीवित करने की योजना पर वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए जिला पंचायत की ओर से डीपीआर भी तैयार कर ली गई है। 33 किलोमीटर लम्बी बोरखेड़ी नदी करीब एक दशक से अधिक समय पहले अपना अस्तित्व खोकर बरसाती नाले में बदल चुकी है। संभवत: नीमच जिले की सबसे बड़ी नदी के लुप्त होने से सबसे प्रतिकूल असर कृषि क्षेत्र पर पड़ा है। नदी का केचमेंट एरिया 36 हजार 716 हेक्टेयर है। इससे लगी कृषि भूमि को सिंचित करने में इस नदी का सबसे बड़ा योगदान है। शैने शैने नीमच, जावद और मनासा को जोडऩे वाली इस नदी में जगह जगह अतिक्रमण की बाढ़ भी आ गई। अब नदी को पुनर्जीवित करने के क्षेत्र में शासन स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। इससे हजारों लोग लाभांवित होंगे। नदी से जुड़ा जावद विकासखंड का 7 हजार 516, मनासा का 5 हजार 134 और नीमच में 24 हजार 67 हेक्टेयर केचमेंट क्षेत्र शामिल है। नदी के पुनर्जीवित होने के बाद सिंचाई, पेयजल आदि के लिए यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।

इस वित्त वर्ष में खर्च होंगे 20 करोड़
बोरखेड़ी नदी को पुनर्जीवित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। करीब 84 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है। इस वित्त वर्ष 2019-20 में 20 करोड़ रुपए से विभिन्न कार्य किए जाएंगे। बारिश को समय है ऐसे में नदी के चेकमेंट क्षेत्र में बड़े स्तर पर पौधरोपण किया गया है। आगामी 4 साल में नदी को पुनर्जीवित करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। नदी का पूरा सर्वे नहीं हुआ है। इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बोरखेड़ी सूखने की वजह से जगह जगह अतिक्रमण नहीं हुए होंगे। कार्य प्रारंभ हो गए हैं। आगे जो भी बाधाएं आएंगी उन्हें दूर किया जाएगा। करीब 33 किलोमीटर लम्बी इस नदी के पुनर्जीवित होने से हजारों हेक्टेयर क्षेत्र लाभांवित होगा।
– भव्या मित्तल, सीईओ जिला पंचायत

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