थाना प्रभारी अनुराधा गिड़वाल ने बताया कि 13 वर्षीय बालिका उसकी बुआ रूकमणी बाई पति भूरालाल नायक निवासी कुंडला ने अपने भाई मंदसौर निवासी श्यामलाल प्रजापति से छह से सात माह की बच्ची लालन-पालन के लिए ली थी। वह निसंतान थे। रूकमणी का पति शराब का आदी है। जिसके चलते पूर्व में वह बीमार भी हुआ था। इस पर उसकी मां से रूकमणी ने 50 हजार रुपए उधार लेकर उसकी बीमारी में लगाए थे। भूरालाल शराब पीकर पत्नी से मारपीट करता था। इसके चलते रूकमणी ने पति को छोड़कर अन्य से विवाह कर लिया। वहीं बच्ची को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर आई थी। स्कू ल चलने के दौरान भूरालाल बच्ची को वापस ले आया था। भूरालाल और उसकी पत्नी रूकमणी के बीच पचास हजार रुपए की बात पर भी विवाद चल रहा था। जिस पर रूकमणी ने उसके इलाज में 40 हजार रुपए खर्च करने की बात कही। वह अब उसे बाकी 20 हजार रुपए भी देने को तैयार है। वह राजी हो गया था, उसके बाद भी फिर मुकर गया और नहीं मान रहा था। बच्ची के माता-पिता यूं चितिंत है कि बुआ रूकमणी को बच्ची लालन-पालन के लिए दी थी, जब उसका रिश्ता ही भूरालाल से नहीं है तो वह उसके भरोसे बच्ची को कैसे छोडे़ंगे। घर पर सिर्फ 80 साल की बूढ़ी दादी है। इसीलिए वह बेटी को अपने साथ रखना चाहते हैं। मामला गंभीर और पेचीदा होने पर पुलिस ने बच्ची को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया है। वह उनके विवेकाधिकार पर निर्णय लेंगे। फिलहाल बच्ची बालिका संरक्षण गृह में है। वहीं बुआ रूकमणी के आने पर बच्ची बुआ लिपट गई और कहने लगी कि उसे साथ ले चले। अब बच्ची के तीन गार्जन हो रहे है, एक तो उसके मात-पिता और बुआ और पूफा है।
बुधवार को होगी सुनवाई
कुकडेश्वर बच्ची के मामले में दोपहर तक कोई भी आवेदन नहीं आया था। शाम को आवेदन और दस्तावेज प्राप्त हुए है। अभी बच्ची को लेने के लिए तीन गार्जन सामने आ रहे है। इसके चलते दस्तावेज और बयान के बाद न्याय संवत बच्ची को उनके परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। बुधवार को मामले पर सुनवाई होगी।
– प्रवीण शर्मा, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति जिला नीमच।