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ये मुद्दा बनेगा भाजपा के गले की फांस

locationनीमचPublished: Nov 12, 2018 09:55:35 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

15 साल से सत्ता सुख भोगने के बाद भी नहीं सुधरे हालात

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जिला मुख्यालय पर करीब ४ करोड़ की लागत से बने ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों के अभाव में नहीं मिल रही आवश्यक सुविधाएं।

नीमच. भले सत्ता में रहते भाजपा ने बड़े बड़े विकास के वादे किए हो, लेकिन अब धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देने का खामियाजा पार्टी प्रत्याशियों को भुगतना पड़ सकता है। हालात यह बन गए हैं कि कुछ मुद्दे तो ऐसे हैं जो अब भाजपा प्रत्याशियों के गले की फांस बनते दिख रह हैं। इनमें एक मुद्दा तो ऐसा है जिसमें भाजपा शासन में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए, लेकिन नजीता सिफर निकला। अब यही मुद्दा भाजपा की नैया डुबा सकता है।
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जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव मुख्य मुद्दा बनकर उभरेगा। जिला मुख्यालय पर करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से ट्रामा सेंटर बनाया गया। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने इसका लोकार्पण भी कर दिया, लेकिन आज तक चिकित्सक नियुक्त नहीं किए जा सके। जावद में तो इससे बुरे हालात हैं। वहां पूरे विधानसभा क्षेत्र में नाममात्र चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। मनासा में भी स्वास्थ्य और चम्बल से पानी लाना मुख्य मुद्दा बनेगा। साढ़े 8 लाख की आबादी वाले इस जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पिछले 5 सालों में विशेष प्रयास होते नहीं दिखे। जिला चिकित्सालय में ही 56 प्रथम श्रेणी सहित विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद स्वीकृत है। चौकाने वाली बात यह है कि मात्र 9 चिकित्सक की सेवाएं दे रहे हैं जबकि 47 पद लम्बे समय से रिक्त हैं। ट्रामा सेंटर में एक भी नई पदस्थापना नहीं हुई है। यहां तक कि जिला चिकित्सालय में सीएमएचओ तक का पद रिक्त है। 4 करोड़ की लागत से बने ट्रामा सेंटर में चिकित्सक नहीं होने से दुघटना में घायल हुए मरीजों को अंयत्र रैफर किया जाता है। लाखों रुपए मूल्य की कीमती उपकरण और मशीनें अवश्य खरीद ली गई, लेकिन विशेषज्ञ नहीं होने से उनका भी उपयोग नहीं हो पा रहा है। उपकरण धूल खा रहे हैं। तहसील मुख्यालय जावद व सिंगोली में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह दम तोड़ चुकी है। अस्पताल में चिकित्सक ही नहीं है। कई उदाहरण सामने आ चुके हैं जब तत्काल चिकित्सा उपलब्ध नहीं होने पर मरीज की मौत हो गई। हंगामा हुआ, लेकिन धरातल पर कभी ठोस पहल होती नजर नहीं आई। स्वास्थ्य को लेकर मनासा के हाल बुरे हैं। वहां भी वर्षों से चिकित्सकों का अभाव है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर जनता का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर सकती है।

चम्बल से पानी लाना भी बना मुद्दा
मनासा विधानसभा क्षेत्र में चम्बल से पानी लाने के प्रयास कांग्रेस शासन में भी हुए थे। सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा शासन में योजना को आगे नहीं बढ़ाया। मंदसौर में चम्बल का पानी लाने के लिए हुए प्रयासों के बाद नीमच जिले में भी यह मुद्दा गरमाया। अब मनासा क्षेत्र में चम्बल का पानी लाने के लिए दोनों की राजनीतिक दल सक्रियता दिखा रहे हैं। किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध कराना इस बार मुद्दा बनकर उभरा है। यह बात सही है कि मनासा तक चम्बल का पानी पहुंचता है तो इसे जावद और नीमच तक भी पहुंचाने के प्रयास होंगे। ऐसे में जो भी राजनीतिक दल इस मुद्दे को जनता के बीच ‘भुना’ लेगा उसे इसका लाभ भी मिल सकता है।
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