शहर की सीमा विभिन्न ग्राम पंचायतों से लगी हुई है। जहां पर कालोनाइजरों ने कॉलोनियां काट दी है। कॉलोनियों को नगर परिषद की सीमा क्षेत्र में बढ़ाने के लिए नगरीय प्रशासन ने परिषद को पत्र भेजा, लेकिन परिषद ने सीमावृद्धि का प्रस्ताव नहीं होने की बात कही। परिषद की मनमानी नगर के विकास के साथ ही शहर के चारों तरफ फैली कॉलोनियों के लोगों को वर्षों तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है, जबकि कॉलोनियों में रहने वाले लोग वोट नगर परिषद में डालते है। यहांं तक कि कुछ कॉलोनियां तो नगर परिषद के वार्डों का हिस्सा है। साथ ही कुछ कॉलोनियों को तो नगर की सीमा क्षेत्र में लाना वर्तमान परिषद ने अपने घोषणा पत्र में भी जारी किया था।
शहर के झंवर पेट्रौल पम्प के पीछे स्थित ग्वाला बस्ती, टीचर कॉलोनी, परोतपिपल्या, कबीर कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनी के लोग चुनाव के समय अपना वोट नगर परिषद में डालते हैं। बावजूद इसके कॉलोनी के लोगों को पानी, बिजली, सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती हैं। ग्वाला बस्ती की जशोदा ग्वाला, वर्षा ग्वाला, रमेश ग्वाला एवं प्रहलाद ग्वाला ने बताया कि 15 वर्षों से बस्ती में रहते हैं। वोट नगर परिषद में डालते है। कई बार पार्षद एवं परिषद के लोगों को मूलभूत सुविधा के लिए बोला, लेकिन आज तक कोई सुविधा नहीं मिली। परिषद को शहर सीमा में वृद्धि कर कॉलोनियों के लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए, ताकि नगर के विकास के साथ हि लोगों को सुविधा मिल सके।
शहर के चारों तरफ विभिन्न ग्राम पंचायतों की सीमा लगती है। इसके चलते कॉलोनियांं ग्राम पंचायतों में आ रही हैं। इनका शहरी सीमा क्षेत्र में वृद्धि को लेकर नगरिय प्राासन ने परिषद को पत्र भेजा था। शहर के नीमच रोड स्थित शिक्षक कॉलोनी, शक्ति नगर, भाटखेड़ी रोड स्थित कबीर कॉलोनी, परोतपिपल्या, रामपुरा रोड स्थित पितपुर चौराहा सहित अन्य कॉलोनियों का शहरी सीमा में वृद्धि करना है।
शहर की सीमा वद्धि एवं वार्डों के परिसीमन पत्र के बारे में हमें जानकारी ही नहीं हैं। परिषद के सामने प्रस्ताव आया ही नहीं। सीएमओ ने कब प्रत्र भेज दिया हमें जानकारी नहीं हैं।
– पंकज पोरवाल, लोकनिर्माण सभापति एवं पार्षद मनासा
– संदेश शर्मा, सीएमओ नगर परिषद मनासा
– यशवंत सोन, अध्यक्ष नगर परिषद मनासा