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जानें इस बार क्यों निकलेंगे अन्नदाता के आंसू

locationनीमचPublished: Sep 23, 2018 11:14:13 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

अबकी बार तो अन्नदाता सरकार के भरोसे ही रहेगा

farmer news

घुटनों तक खेत में भरे पानी में से कटी फसल बचाने का प्रयास करता किसान।


जिले में करीब ३० से ३५ फीसदी क्षेत्र में कटी फसल चढ़ी बारिश की भेंट
फोटो-एनएम २४२६
केप्शन-
नीमच. जिले में रविवार को हुई झमाझम बारिश की वजह से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग के पास अधिकृत आंकड़े नहीं हैं कि जिले में बारिश की वजह से फसलों को कितना नुकसान पहुंचा है। किसान मान रहे हैं कि लगभग हर खेत में पानी भरा है। फसल कट जाने की वजह से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। किसानों के सामने दुविधा यह है कि बीमा कम्पनी के टोल फ्री नंबर पर कई बार ट्राय करने पर भी फोन नहीं लग रहा है।
३० से ३५ फीसदी तक हुआ है नुकसान
पिछले तीन दिनों से जिले में हो रही बारिश की वजह से खेत में खड़ी और कट चुकी फसल को नुकसान पहुंच रहा है। रविवार सुबह से हुई जोरदार की वजह से लगभग हर खेत में पानी भर गया है। जिन खेतों में फसल खड़ी है वहां नुकसान कम होगा, लेकिन यदि जल्दी मौसम नहीं खुला तो खड़ी फसल को भी नुकसान हो सकता है। जिले में बड़ी संख्या में उड़द और सोयाबीन फसल कट चुकी है। कटी फसल खेत में भी पड़ी थी। इस बीच जोरदार बारिश होने से खेतों में पानी भर गया। इस कारण खेतों में कटी पड़ी फसल पानी की भेंट चढ़ गई। पानी अधिक भरा होने की स्थिति में फसल को सुरक्षित स्थान पर ले जाना भी संभव नहीं है। जिले के लगभग हर गांव में ऐसे ही हालात निर्मित हुए हैं। किसानों की माने तो करीब ३० से ३५ प्रतिशत तक फसल को नुकसान पहुंच चुका है।
टोल फ्री नंबर पर नहीं लगा रहा फोन
ग्राम आमलीखेड़ा के किसान बद्री मेघवाल ने बताया कि जिले में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बारिश की वजह से फसलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। आमलीखेड़ा और उमाहेड़ा में ही करीब १०० बीघा क्षेत्र में कट चुकी फसल बारिश की भेंट चढ़ गई। पानी भरा होनेे से खेतों में पड़ी कटी फसल सडऩे लगी है। सोयाबीन और उड़द को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। शासन की योजना अनुसार बीमा कम्पनी को ट्रोल फ्री नंबर पर सूचना देने के प्रावधान है। दिनभर से कई बार बीमा कम्पनी को फोन लगाने का प्रयास किया लेकिन फोन ही नहीं लग रहा है। गांव के कई लोगों ने फोन लगाने का प्रयास किया लेकिन सम्पर्क नहीं हुआ।
दो साल से नहीं मिला बीमा का लाभ
पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से मेरे १५ बीघा खेत में कटी फसल बर्बाद हो गई। सोयाबीन और उड़द फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। सुबह से मैं और गांव के कई किसान बीमा कम्पनी को फोन लगाने का प्रयास कर रहे हैं। घंटे फोन चालू रखने के बाद भी सम्पर्क नहीं हो रहा है। ऐसे में फसल को हुए नुकसान की शिकायत कहा करें यह हमारे सामने समस्या खड़ी हो गई है। पिछले दो सालों से हमें फसल में हुए नुकसान की बीमा लाभ नहीं मिला है। इसी माह कलेक्टर और उपसंचालक कृषि को ज्ञापन भी सौंपा है। फसल पक गई थी इसलिए नुकसान अधिक हुआ है।
– सुरेंद्रङ्क्षसह सिसोदिया, किसान ग्राम छायन
कटी फसल को अधिक नुकसान
जिन खेतों में फसल कट गई थी और वहां पानी भर गया है तो वहां फसल को अधिक नुकसान होगा। खड़ी फसल को नुकसान कम होगा। कटी फसल का बीज के रूप में भी उपयोग नहीं हो सकेगा। किसान ७२ घंटे के अंदर बीमा कम्पनी को टोल फ्री नंबर पर सूचना दें। शासन प्रशासन स्तर पर फसल को हुए नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश मिलते हैं तो कराया जाएगा।
– नगीनसिंह रावत, उपसंचालक कृषि
फसल नुकसान के निर्देश दिए हैं पटवारियों को
रविवार सुबह हुई बारिश की वजह से जिला मुख्यालय पर कई स्थानों पर पानी भर गया था। विधायक दिलीपसिंह परिहार, नपाध्यक्ष राकेश पप्पू जैन, पुलिस अधीक्षक और मैंने इन क्षेत्रों को दौरा किया। प्रभावित लोगों को स्कूलों और इमामबाड़े में ठहरने की व्यवस्था कराई है। भोजन की व्यवस्था भी कराई गई है। जिले में कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। लगातार बारिश होने से खेतों में पानी भरने से कटी फसल को सबसे अधिक नुकसान होने की बात सामने आई है। किसानों को हुए नुकसान की जानकारी जुटाने के लिए पटवारियों को निर्देश दिए हैं। शासन की योजना अनुसार किसानों की मदद की जाएगी।
– राकेशकुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर

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