न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर ने वकील एम.एल.शर्मा की ओर से दाखिल उस याचिका पर सुनवाई की सहमति दे दी, जिसमें मामले को लेकर जेडीयू के नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि नीतीश कुमार के खिलाफ एक आपराधिक मामला चल रहा है, जिसमें साल 1991 में बाढ़ लोकसभा उपचुनाव से पहले उन्हें एक स्थानीय कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या और चार अन्य को घायल किए जाने के मामले में आरोपी बनाया गया है। तो वहीं याचिका में बिहार के मुख्यमंत्री की विधानपरिषद की सदस्यता निर्वाचन आयोग के 2002 के आदेश के मुताबिक रद्द करने की मांग की गई है।
वकील शर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ आपराधिक मामले की बात जानने के बावजूद निर्वाचन आयोग ने सदन की उनकी सदस्यता रद्द नहीं की और आज की तारीख तक वह संवैधानिक पद पर बने हुए हैं।