याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि बाड़मेर के जिला मजिस्ट्रेट की ओर से चुनाव की घोषणा से लेकर चुनाव की पूरी अवधि तक धारा 144 लागू करने के आदेश दिए गए हैं। इस आदेश के तहत चुनाव के अंत तक सभी सभाओं, बैठकों, प्रदर्शनों आदि पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए लोकतंत्र यात्रा निकालने के इच्छुक थे।
इस यात्रा को लेकर अनुमति मांगी गई थी लेकिन अनुमति नहीं मिली। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इसी तरह पिछले साल नवंबर-दिसंबर में भी विधानसभा चुनाव के दौरान अनुमति मांगी गई थी लेकिन अनुमति नहीं मिली। इस कोर्ट ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता की ओर से कोई आवेदन किया जाता है तो उस पर तीन दिन में निर्णय लिया जाए। वहीं कोर्ट ने कहा कि धारा 144 से संबंधित आदेश हर कार्य के रास्ते में आ रहा है। ऐसे में इसे वापस लेने योग्य बनाया जाए।
यह था जिला मजिस्ट्रेट का आदेश
बाड़मेर जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी गई है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराया जाए…कोई भी व्यक्ति संबंधित रिटर्निंग अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना जुलूस या सार्वजनिक बैठक आयोजित नहीं कर सकेगा। यह प्रतिबंध विवाह समारोहों और अंतिम संस्कार जुलूसों पर लागू नहीं होगा।