गंगा और यमुना के साथ जिस नदी के नाम का जिक्र होता है, वो है – सरस्वती। परंतु सरस्वती के नाम के साथ ही एक प्रश्नचिह्न भी जुड़ा हुआ है। आखिर इतनी विशाल और प्राचीन नदी अब कहां है? क्या सरस्वती भारत भूमि से लुप्त हो गई?
ऐसे अनेक प्रश्न आज भी जनमानस में उठते रहते हैं, लेकिन हरियाणा के यमुना नगर के गांव में खुदाई के दौरान निकली पानी की धारा के बारे में कहा जा रहा है कि ये सरस्वती नदी है। मुस्लिम दंपत्ति सलमा और रफीक द्वारा इस जमीन पर खुदाई से यह पानी निकला है।
इसके बाद से ही अनेक लोगों ने उन्हें बधाई दी है। मंगलवार को बिलासपुर खंड के मुगलवाली गांव में हुई खुदाई के दौरान सरस्वती का पानी मिला। गौरतलब है कि ये पानी सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि चार जगह पाया गया है।
सरस्वती नदी का पानी मिलने की खबर के बाद जिले भर से लोगों का यहां आना जारी है। सूचना के बाद डीसी डाॅ. एसएस फूलिया, एसडीएम और प्रशासन के विभिन्न अधिकारी भी पहुंचे। डाॅ. फूलिया ने पानी का स्वाद चखा और वहां मौजूद लोगों को मिठाई बंटवाई।
मौके पर उपस्थित लोगों ने बताया कि मुगलवाली गांव में मनरेगा के अंतर्गत मजदूर काम कर रहे थे। इस दौरान जमीन पर फावड़ा चलाने से वहां पानी निकलने लगा।
इतिहास के जानकारों के मुताबिक प्राचीन समय में यहां सरस्वती नदी बहती थी। इसके अलावा यहां की मिट्टी के सैंपल से भी यह बताया जा रहा है कि ये बहुत पुराने जमाने की और नदी की मिट्टी है।