देश के जाने माने अर्थशास्त्री के रूप में अरविंद पनगढ़िया को जाना जाता है। जानकारी के मुताबिक पनगढ़िया की योजना एक बार फिर शिक्षण क्षेत्र में लौटने की है। वे 31 अगस्त तक नीति आयोग में अपने पद पर काम करते रहेंगे। पनगढ़िया को पीएम मोदी की पसंद माना जाता है। उन्हें उन्हें 5 जनवरी 2015 को पीएम मोदी ने नीति आयोग का उपाध्यक्ष चुना था। इससे पहले वे कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर कार्य कर रहे थे।
अरविंद पनगढ़िया को लेखन का भी शौक है। पनगढ़िया की 2008 में आर्इ पुस्तक इंडिया द इमरजिंग जाइंट बेस्ट सेलर रह चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कर्इ आैर पुस्तकें भी लिखी हैं। उन्हें मार्च 2013 में भारत सरकार ने पदम विभूषण से नवाजा। वे एशियार्इ विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री भी रह चुके हैं। साथ ही आर्इएमएफ आैर वर्ल्ड बैंक में भी काम कर चुके हैं।
अरविंद पनगढ़िया को लेखन का भी शौक है। पनगढ़िया की 2008 में आर्इ पुस्तक इंडिया द इमरजिंग जाइंट बेस्ट सेलर रह चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कर्इ आैर पुस्तकें भी लिखी हैं। उन्हें मार्च 2013 में भारत सरकार ने पदम विभूषण से नवाजा। वे एशियार्इ विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री भी रह चुके हैं। साथ ही आर्इएमएफ आैर वर्ल्ड बैंक में भी काम कर चुके हैं।
पनगढ़िया को आर्थिक उदारीकरण का समर्थक माना जाता है। साथ ही उन्हें पीएम माेदी का भी समर्थक माना जाता है। ये भी समझा जाता है कि मोदी सरकार ने एयर इंडिया को बेचने का निर्णय पनगढ़िया की सलाह पर ही लिया है।
जयपुर के हैं पनगढ़िया
अरविंद पनगढ़िया जयपुर के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ार्इ भी जयपुर में ही हुर्इ आैर यहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। बाद में वे पीएचडी के लिए अमरीका गए। जहां उन्होंने न्यूजर्सी स्थित प्रिंसटन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डाॅक्टरेट की। बाद में वे काेलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बन गए।