इस बात की जानकारी मिलते ही सेना की टुकड़ियों ने सुरक्षाबलों के साथ तुरंत समन्वित संयुक्त खोज अभियान शुरू किया। इसके कारण शुक्रवार शाम को सेना के जेसीओ को छुड़ा लिया गया। अपहरण के सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं हुआ है। इसे वसूली का प्रयास माना जा रहा है। जेसीओ के परिवार को पहले भी ऐसी धमकियाँ मिल चुकी हैं। इस मामले की जांच जारी है। समन्वित तलाशी अभियान के साथ जेसीओ का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-102 (इम्फाल-मोरे) पर चलने वाले सभी वाहनों की जाँच भी की गई।
मणिपुर हिंसा के बाद इस तरह की घटनाएं ज्यादा बढ़ गई हैं। सैनिकों को लगातार ही निशाना बनाया जा रहा है। फिर चाहे वह छुटटी पर हो या डयूटी पर। इतना ही नहीं इनके रिश्तेदार भी निशाने पर हैं। इम्फाल में 27 फरवरी को मोइरांगथेम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशंस) अमित सिंह के घर पर हमला किया गया था। हमलावरों ने उनका भी अपहरण कर लिया। संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के अलावा हवाई फायरिंग कर उनके परिवार के सदस्यों को डरा दिया। सुरक्षाबलों के समय पर हस्तक्षेप के कारण अधिकारी को छुड़ा लिया गया।