केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बैलेस्टलेस ट्रैक को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाया गया है। बैलेस्टलेस ट्रैक एक ऐसा ट्रैक होता है जिनमें तेज रफ्तार ट्रेनों के भार को सहने के लिए पटरियों में रोड़ी-पत्थर और कॉन्क्रीट के एंगल की जरूरत नहीं होती है। इस ट्रैक पर 320 किलोमीटर की गति से बुलेट ट्रेन दौड़ पाएगी।
रेलमंत्री के वीडियो में बताया गया है कि यह विशिष्ट ट्रैक सिस्टम- जे-स्लैब बैलेस्टलेस ट्रैक सिस्टम प्रयोग में लाया जा रहा है। इस ट्रैक सिस्टम के मुख्यतः चार भाग हैं। वाया डक्ट के ऊपर आरसी ट्रैक बेड, सीमेंट-असाफाल्ट और मोर्टार की परत, इसके अलावा पहले से सांचे में ढाले हुए स्लैब और फास्टनर्स के साथ रेल भी।
बुलेट ट्रेन के लिए बनाए जा रहे ट्रैक का प्री-कास्ट आरसी ट्रैक स्लैब का निर्माण सिर्फ गुजरात के आणंद और किम में किया जा रहा है। अब यहां 35 हजार मीट्रिक टन रेल आ चुकी है। यहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें 153 किलोमीटर वायाडक्ट का काम पूरा हो चुका है। 295.5 किमी का पीयर वर्क भी पूरा हो चुका है।