हाथों-हाथ बिक्री
मलैया बताते हैं, लोग अन्य गेहूं से चार गुना ज्यादा दाम में इसे खरीद रहे हैं। दमोह, भोपाल, इंदौर, खंडवा, गोटेगांव नरसिंहपुर, खातेगांव और देवास आदि शहरों के लोग भी खरीदकर ले जा रहे हैं। पिछले ही साल इंदौर से 100 क्विंटल का ऑर्डर आया था।प्रति एकड़ 42,000 रुपए तक मुनाफा
सामान्य गेहूं की पैदावार प्रति एकड़ 20 क्विंटल तक होती है। इससे किसानों को प्रति एकड़ करीब 48,000 रुपए मिलते हैं। सोना-मोती गेहूं की पैदावार 10 क्विंटल प्रति एकड़ होता है। इससे किसानों को कम से कम 90,000 रुपए प्रति एकड़ तक मिलते हैं। यानी किसानों को प्रति एकड़ 42,000 रुपए ज्यादा मुनाफा होता है।सिर्फ पहले साल अधिक खर्च
मलैया ने बचाया, इस गेहूं के उत्पादन में पहले साल सामान्य खेती से दोगुना खर्च आता है। लेकिन गेहूं की कीमत ज्यादा है, इसलिए लागत की भरपाई हो जाती है। जैविक खाद के कारण साल-दर-साल खेती की लागत घटती जाती है।ये हैं फायदे
– 267% अधिक मिनरल्स सामान्य गेहूं से– 40% अधिक प्रोटीन व 3 गुना फोलिक एसिड
– चीनी की मात्रा कम, डायबिटीज व हृदय रोग में फायदेमंद