script4.7 करोड़ साल पुराने विशाल सर्प ‘वासुकी’ के मिले जीवाश्म, 1000 किलो था वजन, 50 फुट की लंबाई | Fossils of 4.7 crore year old giant snake Vasuki found in Kutch, weight was 1000 kg, length was 50 feet | Patrika News
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4.7 करोड़ साल पुराने विशाल सर्प ‘वासुकी’ के मिले जीवाश्म, 1000 किलो था वजन, 50 फुट की लंबाई

Largest Snake Vasuki: गुजरात के कच्छ जिले में 4.7 करोड़ साल पुराने विशाल सर्प ‘वासुकी’ के जीवाश्म मिले है। धरती पर कभी पौराणिक विशाल नाग थे, जिनका वजन 1000 किलो और लंबाई 50 फुट की थी।

नई दिल्लीApr 20, 2024 / 09:02 am

Shaitan Prajapat

Largest Snake Vasuki: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के नए शोध के अनुसार, गुजरात के कच्छ से मिले 4.7 करोड़ साल प्राचीन जीवाश्म अब तक जीवित सबसे बड़े सांपों में से एक की रीढ़ से संबंधित हो सकते हैं। साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने इसे वासुकी इंडिकस नाम दिया है। यह नाम पौराणिक कहानियों में वर्णित समुद्र मंथन वाले नाग वासुकी से प्रेरित है। अनुमानतः यह 36 फीट से 50 फुट लंबा था, इसकी तुलना लगभग 42 फीट के सबसे बड़े ज्ञात सांप से की जा सकती है जो कभी आज के कोलंबिया में रहता था। पनांद्रो लिग्नाइट खदान से शोधकर्ताओं को सांप की रीढ़ की हड्डी या कशेरुका बनाने वाली 27 हड्डियों मिली थीं, जिनमें से ज्यादा पूरी तरह संरक्षित थी। शोधकर्ताओं के अनुसार इसका वजन 1,000 किलोग्राम तक था और यह पश्चिमी भारत के दलदली सदाबहार जंगलों में रहता था।

ऐसे लगाया गया सांप की लंबाई का अंदाजा

शोधकर्ताओं ने वासुकी इंडिकस के शरीर की लंबाई की संभावित सीमा निर्धारित करने के लिए दो तरीकों का इस्तेमाल किया। दोनों ही तरीकों में सांप की कशेरुकाओं की चौड़ाई और उसकी लंबाई के बीच संबंध निर्धारित करने के लिए वर्तमान सांपों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन उनके डेटासेट में अंतर था। एक डेटाबेस में बोइडे परिवार के आधुनिक सांपों के डेटा का इस्तेमाल किया गया, जिसमें बोआ और अजगर शामिल हैं और आज जीवित सबसे बड़े सांप शामिल हैं। अन्य डेटाबेस में बाकी सभी तरह के जीवित सांपों का इस्तेमाल किया गया।

जहरीला नहीं था, शिकार में था सुस्त

यह स्पष्ट नहीं है कि वासुकी क्या खाता था लेकिन आस-पास पाए गए अन्य जीवाश्मों से पता चलता है कि सांप कैटफिश, कछुए, मगरमच्छ और आदिम व्हेल के साथ दलदली इलाकों में रहता था, जो शायद उसका शिकार रहे होंगे। वासुकी जहरीला नहीं था और अपने विशाल आकार व वजन के चलते यह जल्दी से अपने शिकार का पीछा नहीं कर पाता होगा।

क्या फिर लौटेगा विशाल सांपों का दौर

दूसरा विलुप्त विशालकाय सांप, टाइटेनोबोआ कोलंबिया में खोजा गया था और अनुमान है कि वह लगभग 6 करोड़ वर्ष पहले वहां था। अध्ययन में शामिल नहीं रहे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विज्ञानी जेसन हेड का कहना है दोनों में जो समानता है वह यह है कि वे असाधारण रूप से गर्म वैश्विक जलवायु में पनपे थे। हालांकि, इस बात की संभावना नहीं है कि ग्लोबल वार्मिंग विशाल आकार के सांपों को वापस ला सकती है। सिद्धांत रूप में, यह संभव है लेकिन जलवायु अब इतनी तेजी से गर्म हो रही है कि सांप फिर से विकसित होकर विशालकाय नहीं हो सकते।

मैडट्सोइडे समूह से जुड़ा हुई थी प्रजाति

वासुकी इंडिकस मैडट्सोइडे नामक सांपों के एक समूह से जुड़ा हुआ है जो पहली बार दक्षिण अमरीका, अफ्रीका, भारत और दक्षिणी यूरोप में 6.6 से 10 करोड़ साल पहले दिखे थे। जहां पसलियां कशेरुकाओं से जुड़ी होती हैं, उन जगहों को देखकर शोधकर्ताओं का मानना है कि वासुकी इंडिकस का शरीर चौड़ा, बेलनाकार था और वह ज्यादातर जमीन पर रहता था। इसकी तुलना में जलीय सांपों का शरीर बहुत सपाट, सुव्यवस्थित होता है।

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