बजट में हुई थी घोषणा यह वित्त मंत्री अरध जेटली द्वारा 2017-18 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है। बयान में कहा गया है कि पीएमजीडीआईएसएचए दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों में से होगा।
योजना का उद्देश्य योजना के तहत वित्त वर्ष 2016-17 में 25 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। 2017-18 में 275 लाख और 2018-19 में 300 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना को सफल बनाने का तरीका
बताया जा रहा है कि सरकार ने इसको सफल बनाने के लिए भी कमर कस ली है। कहा गया है कि सभी क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके यह सुनिश्चित करने के लिए ढाई लाख ग्राम पंचायतों में प्रत्येक में औसतन 200 से 300 उम्मीदवारों का पंजीकरण किया जाएगा।
योजना से मिलेगा ये फायदा बयान में कहा गया है कि डिजिटल रूप से साक्षर व्यक्ति कंप्यूटर चला सकेगा और टैबलेट, स्मार्टफोन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकेगा। वह ईमेल भेज सकेगा और प्राप्त कर सकेगा। इंटरनेट की ब्राउजिंग कर सकेगा, सरकारी सेवाओं का इस्तेमाल कर सकेगा, सूचनाएं पता कर सकेगा और नकदीरहित लेनदेन कर सकेगा।
राज्यों के साथ मिलकर करेंगे काम इस स्कीम को लागू करने की जिम्मेदारी इलेक्ट्रोनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री को दी गई है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाएगा। नोटबंदी के बाद सरकार लगातार कैशलेश बनाने के लिए प्रयास कर रही है।