सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार और गुजरात राज्यों में जिला न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए चयन मानदंड के रूप में इंटरव्यू में न्यूनतम क्वालिफाइंग अंक की अनिवार्यता का उचित माना। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की इस दलील को खारिज कर दिया कि इंटरव्यू में न्यूनतम क्वालिफाइंग अंक निर्धारित करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है।
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा कि इंटरव्यू एक अभ्यर्थी के व्यक्तित्व, लगन और क्षमता को जाहिर करता है। चयन के लिए न केवल ज्ञान बल्कि उनके व्यक्तित्व का भी परीक्षण करना जरूरी है। इंटरव्यू से चरित्र और क्षमता का पता चलता है। इसलिए एक न्यायिक अधिकारी जैसे जिम्मेदार पद पर केवल लिखित परीक्षा में प्रदर्शन के आधार नहीं चुना जाना चाहिए।