गन्ना मामले में अब 4 फरवरी को होगी सुनवाई
नरसिंहपुरPublished: Feb 01, 2019 04:29:37 pm
कलेक्टर के शासकीय कार्य से अचानक भोपाल जाने की वजह से नहीं हो सकी सुगर मिल संचालकों की पेशी
नरसिंहपुर। किसानों को शासन द्वारा निर्धारित 294 रुपए 20 पैसे की दर से भुगतान न करने के मामले मेें ३१ जनवरी को कलेक्टर कोर्ट में सुनवाई होनी थी पर कलेक्टर दीपक सक्सेना के अचानक शासकीय कार्य से भोपाल चले जाने की वजह से सुनवाई टल गई। सुनवाई के लिए अब ४ फरवरी की तारीख तय की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले सुगर मिल संचालक कलेक्टर कोर्ट के आदेश के खिलाफ एकजुट होकर हाईकोर्ट गए थे उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट से स्टे मिल जाएगा पर जस्टिस अतुल श्रीधरन की कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए १५ फरवरी की तारीख तय कर दी। जिससे सुगर मिल लॉबी में निराशा छा गई है।
सुगर मिल संचालकों ने बनाई नई रणनीति
हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत न मिलने और शासन की सख्ती को देखते हुए सुगर मिल संचालकों ने नई रणनीति बनाई है जिसके तहत दो विकल्प तैयार किए गए हैं, पहले विकल्प में वे प्लांट बंद करने का बात कर शासन प्रशासन पर दबाव बना सकते हैं। दूसरे विकल्प में यह तय किया गया है कि वे शासन प्रशासन के समक्ष यह बात रखें कि वर्तमान सुगर रिकवरी की स्थिति में जो ११.५ किलो शकर तैयार हो रही है उसमें से ८.५ किलो किसान रखे और ३ किलो सुगर मिल मालिक रखे। जिससे एक ओर सुगर मिल मालिकों की लागत, बैंकों का ब्याज निकल सके और दूसरी ओर किसान को उसके गन्ने के मूल्य के बराबर शकर दी जा सके जिसे वह खुद बेचे या सुगर मिल के माध्यम से बेच कर राशि प्राप्त कर सके।
वर्जन
शासकीय कार्य की वजह से अचानक भोपाल जाने की वजह से ३१ जनवरी को सुगर मिल के मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। अब सुनवाई ४ फरवरी को की जाएगी।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर
वर्जन
कलेक्टर कोर्ट द्वारा निर्धारित २९४ रुपए २० पैसे की दर से भुगतान करना संभव नहीं है। इस स्थिति में हमारे पास मिल बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। हमने नया फार्मूला तैयार किया है जिसमें शकर बनाने के बाद हमारे खर्चे निकाल कर शेष राशि का भुगतान किसान को किया जा सकता है ताकि मिल भी बंद न हो और किसान का भी नुकसान न हो।
विनीत माहेश्वरी, वाइस प्रेसीडेंट एमपी सुगर मिल एसोसिएशन