नरसिंहपुरPublished: May 30, 2019 06:42:06 pm
narendra shrivastava
खंडहरनुमा कमरे में होते हैं शवों के पोस्टमार्टम, नये पीएम हाउस के निर्माण की गति मंथर
Horror screams come from the post-mortem house
गाडरवारा। शहर की आबादी तो बढ़ गई है लेकिन संसाधन सीमित हैं। अस्पताल में वषो पुराना खंडहरनुमा पोस्टमार्टम कक्ष है। इस जर्जर भवन के दरवाजे खिड़कियां, फ र्श भी जर्जर हालत में पहुंच गए हैं। इसी भवन में अब भी मृतकों का शव परीक्षण किया जाता है। यहां पर एकमात्र शव के पीएम की व्यवस्था है। कई बार यदि दो या तीन शव परीक्षण के लिए आते हैं तो परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। जिसके कारण पीएम के लिए यहां पर रखा शव सुरक्षित नहीं है। टूटी खिडक़ी दरवाजों से यदि को जानवर आदि प्रवेश कर जाए तो घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।शव परीक्षण करने वाले डाक्टरों के लिए यहां पर हाथ धोने के लिए नल तक नहीं है। जहां शव को रखकर पोस्टमार्टम किया जाता है। वहां पर सफ ाई के अभाव में हमेशा खून के दाग लगे रहते हैं। मृतक के परिजनो को धूप में खड़े रहकर शव सुपुर्दगी का इंतजार करना पड़ता है। कारण यह है कि परिजनों को खड़ा रहने के लिए शेड बनाकर अस्पताल प्रबंधन ने छांव की व्यवस्था तक नहीं की है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक यहां अस्पताल परिसर में नये पोस्टमार्टम हाउस के लिए निर्माण की स्वीकृति मिल जाने के बाद काम भी शुरू हो गया है लेकिन यह निर्माण बेहद मंथर गति से चल रहा है,जिसके चलते पुराने पीएम हाउस में होने वाली परेशानियों और असुविधाओं से जल्द निजात मिलने की उम्मीद नही दिख रही है।गौरतलब है यदि अस्पताल प्रबंधन द्वारा नये पोस्टमार्टम हाउस के शीघ्र निर्माण के साथ ही पुराने पोस्टमार्टम हाउस का भी जीर्णोद्धार करा दिया जाये तो एक साथ दो पीएम की व्यवस्था की जा सकती है। जिससे विपरीत परिस्थितियों में लोगों को होने वाली परेशानी से निजात मिल सकेगी और दुर्घटनाओं के मामलों में यह महत्वपूर्ण काम अपेक्षाकृत कम समय में पूरा हो सकेगा।