scriptएलईडी के नाम पर लगाया हजारों ग्राहकों को लगाया 20 लाख का चूना | fraud of 20 lacks in led selling by post office | Patrika News

एलईडी के नाम पर लगाया हजारों ग्राहकों को लगाया 20 लाख का चूना

locationनरसिंहपुरPublished: Feb 16, 2019 08:23:35 pm

Submitted by:

ajay khare

गारंटी पीरियड में खराब हुईं एलईडी को नहीं बदल रहीं सरकारी एजेंसियां

 गारंटी पीरियड में खराब हुईं एलईडी को नहीं बदल रहीं सरकारी एजेंसियां

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नरसिंहपुर। जब एलईडी बेचना थी तो रिप्लेसमेंट की और तीन साल की गारंटी दी पर जब लाखों का कारोबार कर लिया तो अब खराब एलईडी वापस लेने से पीछे हट गए। दूसरी ओर भरोसा करने वाले उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं, खराब एलईडी नहीं बदली जा रही जिससे लोग अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यहां बात हो रही है डाकघर और उर्जा विकास निगम से एलईडी खरीदने की । इन दोनों एजेंसियों ने यहां के लोगों को पिछले साल ४० लाख की एलईडी बेची जिनमें से पचास फीसदी गारंटी पीरियड में खराब हो गईं जो अब बदली नहीं जा रहीं।
सरकार ने बिजली की खपत कम होने, बाजार से कम दाम में बेचने और खराब होने पर तीन साल तक रिप्लेसमेंट की गारंटी देकर लोगों को डाकघर और ऊर्जा विकास निगम से एलईडी खरीदने के लिए प्रेरित किया। लोगों ने सरकारी एजेंसियों पर भरोसा कर अपनी जरूरत के हिसाब से खूब एलईडी खरीदीं पर कुछ ही समय बाद ये खराब होने लगीं तो शुरू में बिक्री के समय इनका रिप्लेसमेंट किया गया पर जब लाखों रुपयों की एलईडी बेच डालीं तो अचानक बिक्री भी बंद हो गई और रिप्लेसमेंट भी बंद कर दिया। अब खराब एलईडी लिए लोग डाकघर और ऊर्जा विकास निगम के चक्कर काट रहे हंै।
नरसिंहपुर में बेची ४० लाख की एलईडी
एक साल पहले वर्ष २०१७-१८ में यहां डाकघर और ऊर्जा विकास निगम ने ७२५०४ एलईडी बेचीं ये एलईडी ६५ रुपए प्रति नग की दर से लोगों को बेची गईं। जिन पर तीन साल की रिप्लेसमेंट गारंटी दी गई थी। ये एलईडी कई नामी कंपनियों की थीं जिनके ब्रांड नाम की वजह से लोगों ने विश्वास किया और बाजार की बजाय डाकघर और ऊर्जा विकास निगम से खरीदीं। इन एलईडी में से ५० प्रतिशत एक साल के अंदर ही खराब हो गईं। उपभोक्ता जब इन्हें वापस करने पहुंचे तो स्टाक न होने की बात कह कर वापस करने से इनकार कर दिया गया। अब स्थिति यह है कि न तो डाकघर में एलईडी उपलब्ध हैं और न ऊर्जा विकास निगम के सेल्स सेंटर पर।
घटिया एलईडी सप्लाई का संदेह
६ माह से एक साल में एलईडी खराब होने को लेकर अब डाकघर और ऊर्जा विकास निगम पर यह संदेह जताया जा रहा है कि ब्रांडेड के नाम पर यहां से लोगों को घटिया दर्जे की एलईडी बेची गई थीं। लोगों ने बिजली का बिल कम करने के चक्कर में ६-६ तक एलईडी क्रय की थीं। अब ज्यादातर लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
डाकघर ने कमीशन में कमाए लाखों
जानकारी के अनुसार डाकघर से एलईडी की बिक्री कमीशन के आधार पर की थी। डाकघर ने लाखों रुपए बतौर कमीशन कमाए दूसरी ओर उपभोक्ता ठगे गए।
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केस-१
धमना निवासी वीरेंद्र पटेल ने बाजार से सस्ती और तीन साल की गारंटी मिलने पर अपने घर के लिए ६ एलईडी खरीदीं थीं। एक एक कर ये सभी एक साल के भीतर खराब हो गईं। वापस करने जब डाकघर गए तो कहा गया कि नया माल आने पर वापस करेंगे। एक साल से डाकघर में नया माल नहीं आया लिहाजा वापस नहीं हो सकीं। मजबूरी में उन्होंने बाजार से नई एलईडी खरीदीं। डाकघर से एलईडी खरीदना महंगा साबित हुआ।
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केस-२
शहर की धनारे कालोनी निवासी आनंद शर्मा ने भी अपने घर के अंदर बाहर के लिए डाकघर से १० एलईडी खरीदी थीं। इन पर तीन साल की गारंटी थी। इनमें से ८ एलईडी एक साल के भीतर ही खराब हो गईं। डाकघर में नई एलईडी न आने के कारण खराब एलईडी बदली नहीं जा सकीं। उन्हें बाजार से नई एलईडी खरीदनी पड़ीं।
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