नरसिंहपुर में ट्रेन में हुआ प्रसव, डेढ़ घंटे बाद जबलपुर में काटी डॉक्टर ने गर्भनाल
नरसिंहपुरPublished: Aug 09, 2019 10:36:40 pm
जन्म के पांच मिनट के भीतर गर्भनाल न काटने पर जच्चा बच्चा को होता है जान का खतरा
changed due to train upset
नरसिंहपुर. ट्रेन में एक महिला को प्रसव होने के बाद उसके आवश्यक उपचार को लेकर रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रसव के बाद ट्रेन को नरसिंहपुर स्टेशन पर डॉक्टर के आने ेके इंतजार में रोका गया पर उसके आने में विलंब होने पर थोड़ा और इंतजार किए बिना ही ट्रेन को जबलपुर के लिए रवाना कर दिया गया। इस वजह से जबलपुर स्टेशन पहुंचने पर डेढ़ घंटे बाद प्रसूता की गर्भनाल काटी जा सकी जबकि डॉक्टरों के मुताबिक प्रसव के ५ मिनट के भीतर गर्भनाल काटना जरूरी है अन्यथा जच्चा बच्चा की जान जा सकती है।
गुरुवार रात सूरत से छपरा जा रही ताप्ती गंगा एक्सप्रेस के कोच नंबर ११ में सफर कर रही साहिबगंज निवासी सीमा को नरसिंहपुर से पहले प्रसव पीड़ा हुई । उसने एक बेटे को जन्म दिया । यात्रियों ने टीटीई गोविंद सिंह को इसकी जानकारी दी । उन्होंने ट्रैफिक कंट्रोलर से बात कर ट्रेन को नरसिंहपुर स्टेशन पर रुकवाया। यहां के स्टाफ ने जिला अस्पताल को खबर की लेकिन २० मिनट तक कोई भी डॉक्टर नहीं पहुंच सका । उस वक्त तेज बारिश हो रही थी। उधर कंट्रोलर ने ट्रेन को रवाना कर दिया। यदि ट्रेन थोड़ा और रुकती तो उसे यहां चिकित्सकीय मदद मिल जाती। यहां से रवाना होने के बाद ट्रेन रात 12.10 बजे प्लेटफार्म नंबर ६ पर जबलपुर पहुंची। जहां डिप्टी एसएस श्रीवास सहित रेलवे अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ मौजूद था। यहां प्रसूता की गर्भनाल काटने के बाद उसे एल्गिन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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भगवान भरोसे किया सफर
नरसिंहपुर से जबलपुर तक का सफर प्रसूता सीमा ने भगवान भरोसे तय किया। यहां से जबलपुर पहुंचने में ट्रेन को एक घंटा १० मिनट का समय लगा। इस बीच वह अपने और बच्चे के जीवन की रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करती रही।
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वर्जन
प्रसव के पांच मिनट के भीतर गर्भनाल काटना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो बच्चे के शरीर से मां के शरीर में या फिर मां के शरीर से बच्चे के शरीर में खून का प्रवाह होने से दोनों में से किसी एक की जान जा सकती है। यदि प्रसव रास्ते में हुआ है तो एक नई ब्लेड से गर्भनाल काट कर उसे धागे से बांध देना चाहिए। यदि आकस्मिक परिस्थितियों में काटने के लिए कोई साधन नहीं है तो शिशु की नाभि से ५ सेंटीमीटर पर और फिर उसके बाद से ३ सेंटीमीटर पर गर्भनाल को धागे से बांध देना चाहिए।
डॉ.अनीता अग्रवाल सिविल सर्जन