बावजूद पोटाकेबिन प्रबंधन ने छात्र सुनील की तहकीकात करने के लिए कोई रूचि नहीं दिखाई। शीतकालीन छुट्टी में छात्र सुनील के पिता सुदमन नेताम 23 दिसम्बर को सुनील को लेने के लिए पोटा केबिन में पहुंचे, जहां पर सुनील के पोटाकेबिन में नहीं होने की बात सामने आई। पोटा केबिन प्रबंधन ने छात्र के पिता को सुनील की खोजबिन रिश्तेदार के यहां करने की समझाइश देकर रवाना कर दिया। इसके बाद पिता सुदमन ने सुनील की खोजबिन की पर कोई सुराग नहीं मिला। छात्र के पिता ने 29 दिसम्बर को कोतवाली थाने में बेटे के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
परिजन की शिकायत के बाद राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक व पोटा केबिन प्रभारी अधिकारी आरपी मिरे इस मामले को खुद संज्ञान में लेकर छात्र के लापता होने की जांच शुरू कर दी है। आरपी मिरे व बाल सरंक्षण अधिकारी सरिता बंजारे ने मामले की जांच शुरू करते हुए पोटा केबिन आश्रम अधीक्षक से लेकर छात्र-छात्राओं सहित शिक्षक-शिक्षिका व परिजनों के बयान दर्ज कर मामले की रिपोर्ट तैयार कर दी है। रिपोर्ट जांच प्रतिवेदन कलक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। कलक्टर के दिशा-निर्देशन में आगे की कार्रवाही की जाएगी।
छात्र के एक माह से लापता होने के बावजूद पोटाकेबिन प्रबंधन ने छात्र की पतासाजी करने कारगर कदम नहीं उठाया। घटना का खुलासा हुआ तो आश्रम अधीक्षक ने आनन-फानन में 26 दिसम्बर को कोतवाली थाने पहुंच छात्र के लापता होने की सुचना दी।