नागदाPublished: Nov 12, 2018 11:57:43 pm
Lalit Saxena
युवाओं के समक्ष बेरोजगारी पैर पसारे खड़ी रहती है, कॉलेज भी शिक्षकों की कमी से जूझता है
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नागदा. नागदा-खाचरौद विधानसभा सीट से भाजपा के दिलीपसिंह शेखावत ने विधानसभा 2013 में कांग्रेस के दिलीपसिंह गुर्जर को 16115 मतों से शिकस्त दी थी। समूचे मध्य प्रदेश में विरले ही ऐसे विधानसभा क्षेत्र थे, जहां 10 हजार मत से हारे उम्मीदवारों को टिकट दिए गए थे। बता दें, कि 2008 में कांग्रेस के दिलीपसिंह गुर्जर ने भाजपा के शेखावत को 9892 मतों से परास्त किया था। उक्त आंकड़े केवल हार जीत का अंतर ही नहीं वर्तमान विधानसभा चुनाव के लिए दोनों प्रत्याशियों के लिए सबसे बड़ा चुनावी गणित है। कारण आंकड़ों के खेल को भाजपा से बगावत कर निर्दलीय खड़े होने वाले भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाराम धाकड़ है। बीते पांच सालों में शहर को करोड़ों की सौगाते तो मिली, लेकिन शहर के युवाओं को बेरोजगारी से जूझना पड़ता है। शासकीय कॉलेज में स्नाकोत्तर के नाम पर एमकॉम की पढ़ाई की जा सकती है, लेकिन वह भी शिक्षकों के अभाव से जूझ रहा है।
विधायक व प्रतिद्वंद्वी रहे जनता के बीच
क्षेत्र से विधायक दिलीपसिंह शेखावत है। वे क्षेत्र में सक्रिय रहे है। इसी प्रकार प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के दिलीपसिंह गुर्जर बीते सालों में क्षेत्र में कांग्रेस का वोट बैंक नहीं बना सके है। नगर पालिका, उपज मंडी में भी भाजपा की हुकूमत काबिज रही है। विधायक शेखावत धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों मे सक्रिय नजर आते है।
युवाओं की बेरोजगारी है बरकार
मुंबई दिल्ली रेल मार्ग पर बसे नागदा में बीते पांच सालों में करोड़ों के विकास कार्य तो हुए, लेकिन युवाओं के समक्ष बेरोजगारी पैर पसारे खड़ी है। शहर में उद्योगपुरी भी स्थापित हुई, उस दौरान युवाओं के मन में रोजगार की आस जगी, लेकिन शासकीय स्वीकृति रोडा बन गई। शहर के युवा आज भी उज्जैन व इंदौर अपडाउन कर जॉब करते है। ऐसा नहीं है, कि जनप्रतिनिधियों द्वारा स्थानीय युवाओं को शहर के तीन बड़े उद्योगों में रोजगार मुहैया नहीं करवा जा सकता। सब कुछ मुमकिन है, लेकिन मूर्त रूप दिलाने के लिए जनप्रतिनिधियों के पास समय की कमी है।
स्नातकोत्तर के लिए केवल एमकॉम, वह भी बिना शिक्षक के
विद्यार्थियों के पढ़ाई के लिए शहर में शासकीय स्वामी विवेकानंद कॉलेज मौजूद है। वह भी शिक्षकों की कमी से जूझरहा है। नियुक्तियों के लिए कई बार छात्र नेताओं ने आंदोलन किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। ऐसा नहीं है, कि कॉलेज में स्नातकोत्तर की शिक्षा नहीं मिलती। स्नाकोत्तर कक्षाओं में पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी है।
प्रमुख मार्गों पर होने वाली चोरियों पर नहीं है अकुंश
जिले की श्रेणी में शामिल होने की तैयारी कर रहे नागदा के प्रमुख मार्गों पर आए दिन बड़ी-बड़ी चोरियां होना आम बात है। प्रशासन यह कहकर पल्ला झाड देता है, कि स्टॉफ की कमी के चलते चोरिया ट्रेस नहीं हो पाती। बीते दिनों वर्तमान विधायक ने शहर के प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की स्वीकृति लाने की बात कही थी, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चली गई। इतना ही नहीं शहर के व्यापारियों ने कैमरे लगाने के लिए आधी राशि भुगतने का आश्वासन दिया था, लेकिन अमल नहीं हो सका।
2013 का चुनाव परिणाम
नाम पार्टी प्राप्त वोट
दिलीपसिंह शेखावत भाजपा 78036
दिलीपसिंह गुर्जर कांग्रेस 61921
नयाबुद्दीन समाजवादी पार्टी 1975
कालूराम बहुजन समाज पार्टी 982
विक्रम व्यास निर्दलीय 980
हुकुमसिंह निर्दलीय 811
रामचंद्र परमार फारवर्ड ब्लॉक 699