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खाने-पीने में जीवन गुजारना बेकार

locationनागदाPublished: Sep 22, 2018 01:16:49 am

Submitted by:

Lalit Saxena

जहां से धर्म की शुरुआत होती है, वहीं जीवन सही

patrika

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भाटपचलाना. जहां से धर्म की शुरुआत होती है, वहीं जीवन सही है। खाने-पीने में जीवन गुजारना बेकार है। जब अपने जीवन में धर्म की तपस्या होगी और तपस्या की आराधना करते-करते अपने मन में भाव को पाना है और तपस्या के लिए अपने मन को मजबूत बनाना है। यह बात साध्वी भाग्यकला ने रंजना महेश सोनी की 36 उपवास की तपस्या पूर्ण होने पर प्रवचन के दौरान कही। श्रीआदिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर में विराजित साध्वी भाग्यकला, युगप्रिया, यशप्रिया महाराज साहब के सान्निध्य में रंजना पति महेश सोनी ने अपनी दृढ़ आस्था एवं भक्ति में लीन होकर 36 उपवास की तपस्या पूर्ण की। इस अवसर पर तपस्वी का वरघोड़ा बैंड-बाजों के साथ निकाला। कार्यक्रम में सरपंच दीपक रुनवाल, पूर्व विधायक वीरेंद्रसिंह सिसौदिया, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष महेश पटेल, घेवरमल ओरा, सरदार गिरिया, शशिकांत बुपक्या, संदेश सोनी, छगनलाल बुपक्या, मनीष संघवी, शंकरलाल बोरीवाल, नीलेश जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोगों ने भाग लिया। वरघोड़ा ग्राम के मुख्य मार्गो से होता हुआ जैन मंदिर पर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुआ, तत्पश्चात् स्वामी वात्सल्य का आयोजन संपन्न हुआ।
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तपस्वी का किया सम्मान
इंदौख. नगर की धन्य धरा पर सरल स्वभावी हेमप्रभा की सुशिष्या पद्मलता, साध्वी पूर्णलता एवं तत्वरूचि की पावन निश्रा में सिद्धितप की तपस्वी भावनाबेन दीपचंदजी चोराणा परमार की तपस्या पूर्णाहुति पर वरघोड़ा निकाला। तपस्या की अनुमोदना में त्री-दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया। सिद्वितप तपस्वी भावना बेन दीपचंद चोराना परमारतपस्वी अनुमादेना स्वरूप नगर के स्वनिवास से वरघोड़ा प्रारंभ किया। तपस्वी को बग्गी में बिठाकर साथ में चल रहे थे। समाजजनों एवं युवाओं व बालिका युवा मंडल द्वारा तपस्वियों के सामने नृत्य कर उनकी अनुमोदना की। वरघोड़ा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुआ किले में एक धर्मसभा के रूप में समापन हुआ, जहां तपस्वीयो के बहुमान स्वरूप बोलियों का लाभ रमेशचन्द्र, शांतिलाल संघवी बोलिया वाले ने लाभ लिया। इस मौके पर इंदौख श्रीसंघ द्वारा सभी सिद्धितप का बहुमान लाभार्थी परिवार ने किया। अभिनंदन पत्र का वाचन संघ प्रमुख पारसमल जैन ने किया। इस मौके पर महेन्द्र बंबोरिया, धर्मचन्द्र, शांतिलाल, दीपचंद्र, प्रकाशचंद्र, सुशीलकुमार जैन, अभयकुमार जैन, नरेंद्र जैन, दिनेश, रितेश जैन, विक्की सजय सहित आसपास के जैन संघ में झारडा, महिदपुर, आगर, पिपलौन, बोलिया, नागेश्वर आलोट, सुखेड़ा, बुड आदि अन्य जगहों से समाजजनों ने धर्म का लाभ लिया। संचालन लोकेश जैन व आभार विनोदकुमार जैन ने माना।

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