नागदाPublished: Sep 19, 2018 12:19:51 am
Lalit Saxena
मुख्यमंत्री को विदा कर उज्जैन जा रहे कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक उन्हेल में आकर जाम में फंसे
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उन्हेल. सिंहस्थ से लेकर अभी तक जिस सड़क पर आए दिन जाम लग जाता है। प्रशासन सब-कुछ जान कर भी उसका हल नहीं कर पा रहा है, पर मंगलवार को कलेक्टर, एसपी से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला जाम में फंस गया, करीब 10 मिनिट तक जाम नहीं खुला। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की जन-अशीर्वाद रैली के इंतजाम में कलेक्टर मनीषसिंह, एसपी सचिन अतुलकर दो दिन से नागदा-खाचरौद-महिदपुर में थे।
मंगलवार सुबह जैसे ही मुख्यमंत्री नागदा से रवाना हुए तो अधिकारियों का कारवां नागदा से उज्जैन के लिए निकला। पुलिस को कलेक्टर, एसपी के उन्हेल से गुजरने की सूचना मिली तो एक एएसआई व प्रधानआरक्षक नवीन बस स्टैंड पर ट्रॉफिक व्यवस्था बनाने मे लगे हुए थे। इसी बीच लोडिंग ट्राला बस स्टैंड तिराहे पर पहुंचा तो उसके सामने खड़े ट्रक के कारण जाम लग गया। इसी बीच कलेक्टर व एसपी का पुलिस अमले के साथ आगमन हो गया और देखते ही देखते सभी अधिकारी जाम में फंस गए, उधर दो पुलिस वाले ट्रॉफिक व्यवस्था बनाने मे संघर्ष कर रहे थे। उनकी कमी को देखते हुए कलेक्टर व एसपी के सुरक्षा गार्डों को मैदान संभालना पड़ा, फिर भी दोनों अधिकारी 10 मिनिट तक फंसे रहे। उसके बाद ही जाम खुला। यह सब-कुछ बस स्टैंड पर फेले अतिक्रमण के कारण हुआ।
चार एसडीएम से नहीं निकला हल
सिंहस्थ के दौरान वर्ष 2011-12 में टु-लेन सडक का निर्माण किया गया था, तब इस तिराहे के खतरनाक मोड़ को लेकर तत्कालीन एसडीएम संतोष टेगोर ने सार्थक पहल नहीं की ओर यही से सड़क का निर्माण करा दिया। उसके बाद एसडीएम राजीवरंजन मीणा के समक्ष जब यह मामला आया तो उन्होंने तिराहे के मोड़ से लेकर बस स्टैंड तक का सख्ती से अतिक्रमण हटाया, उसके बाद ऋतु बाफना ने बस स्टैंड का मामला सुलझाया, तो तिराहे का हल निकलने वाला था कि उनका स्थानातंरण हो गया, फिर रजनीश श्रीवास्तव ने कमान संभाली तो उन्होंने इस मामले को लेकर कोई रूचि नहीं दिखाई और अब चार एसडीएम के बाद खुद कलेक्टर जाम के शिकार हो गए।
इधर टीआइ मोबाइल से नहीं उतरे
जब कलेक्टर, एसपी जाम में फंसे थे तो तब ही उनके साथ उन्हेल टीआई भी कारवे में शामिल थे। गंगाबाग की पुलिया के यहां उन्हेल टीआई भी पहुंच गये थे, पर जाम को सुलझाने के लिए पुलिस इंतजाम की थकान के चलते उन्होंने अपनी मोबाईल से उतरना भी ठीक नहीं समझा। जाम खुलने के बाद करीब 15 मिनिट बाद कमिश्नर व आईजी भी इसी मार्ग से गुजरे पर, गनीमत रही कि वह जाम में फंसने से बच गए। इस समस्या को पत्रिका ने कलेक्टर को अवगत भी कराया तो उन्होंने इस मामले को दिखवाने का आश्वासन दिया।