करीब 10-15 दिन पूर्व मेगा हाइवे के पास खेत में एक नील गाय पानी के लिए भटकते हुए आबादी क्षेत्र में आ गई थी इसी दौरान खेतों में रखवाली करने वाले किसान के अचानक शोर मचाने पर ऊंची मेड़ से छलांग लगाते वक्त मौत हो गई थी वहीं दो माह पूर्व बीणजारी नाडी के पास हाईवे पर किसी वाहन की चपेट में आने से खरगोश की जान चली गई थी।
कस्बे से महज चार किलोमीटर दूर पिपराली, लोहराणा, डाबसी, गोविन्दी मारवाड़ के पास से गुजर रही मेंढा नदी व आस-पास के छोटे-बड़े जलस्त्रोतों में पानी की एक बुंद नहीं होने के कारण पेयजल संकट खड़ा हो गया है। इससे भटकते हुए वन्यजीव कस्बों व गांवों के पास पहुंचकर नलों व अन्य स्त्रोतों से प्यास बुझाते है।
नदी किनारे बने कई कुओं पर मिलती है राहत- क्षेत्र में मेंढा नदी व सांभर झील के आस-पास वाले कई स्थानों पर बने कुओं के जलस्त्रोतों पर वन्यजीवों को काफी राहत मिलती है।