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तांगा दौड़ तो नहीं हुई पर 2018 में सरकार को दौड़ा देंगे

locationनागौरPublished: Aug 31, 2017 10:56:00 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

तेजाजी के बलिदान दिवस पर खरनाल में धर्मसभा आयोजित, वक्ताओं ने कहा विकास के लिए एक जाजम पर बैठे समाज,  धर्मसभा में रहा मिशन 2018 पर फोकस

mla hanuman beniwal in kjarnal

khimsar mla hanuman beniwal

खींवसर (नागौर). लोक देवता वीर तेजाजी के 914 वें निर्वाण दिवस पर गुरुवार को तेजाजी की जन्म स्थली खरनाल में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए अधिकांश वक्ताओं ने मिशन 2018 पर जोर दिया। सभी ने इसे एक ओर धार्मिक मंच बताया तो दूसरी ओर संगठित होकर प्रदेश में किसान को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मिशन २०१८ को लेकर अभी से जुटने की भोलावनी दी। वक्ताओं ने कहा कि समाज के ही कुछ लोग नहीं चाहते है कि समाज संगठित हो। ऐसे लोगों का बहिष्कार करना होगा।

सरकार ने बता दिया असली चेहरा
खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल, मूण्डवा प्रधान राजेन्द्र फिड़ौदा, मेड़ता के पूर्व प्रधान कैलाश मण्डा सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि सरकार तांगा दौड़ को लेकर दोगला व्यवहार करने के साथ मेलों का अस्तित्व समाप्त करना चाहती है। पहले तीन वर्ष के बछड़ों की बिक्री पर रोक लगाकर नागौरी नस्ल समाप्त करने का प्रयास किया है। उन्होंने सरकार को 43 निर्दोष किसानों का हत्यारा बताया। मूण्डवा प्रधान फिड़ौदा ने कहा कि जब सरकार ने तांगा दौड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने अपना असली चेहरा बता दिया है, लेकिन अब तांगा दौड़ नहीं होने देने वाली सरकार को जनता भगा देगी। इस दौरान पांचु प्रधान भंवरलाल गोरचिया ने कहा कि किसानों का समाज हमेशा संघर्षशील रहा है। खुद कड़ी मेहनत कर देश का पेट भरने वाले अन्नदाता की विकास में विशेष भागीदारी होने के बावजूद भी सरकार ने हमेशा अनदेखी की है।
तांगा दौड़ की लड़ाई जारी रहेगी
नागौर प्रधान ओमप्रकाश सैन ने कहा कि सरकार मेलों की संस्कृति को समाप्त करना चाहती है, लेकिन यह हरगिज नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय का सम्मान करते हुए तांगा दौड़ करवाने की लड़ाई जारी रहेगी। खींवसर क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष नारायण बेनीवाल ने कहा कि मेलों एवं सामाजिक कार्यक्रमों में केवल भीड़ इक_ी होने से कुछ नहीं होगा। इन आयोजनों से कुछ सीख लेने की जरूरत है। समय बदल गया है अब सिर कटाने एवं गोली खाने का जमाना नहीं रहा। समय के साथ बदलाव लाकर लडऩे की जरूरत है।
36 कौम को साथ लेने की जरूरत
अखिल भारतीय वीर तेजा जन्म स्थली संस्थान के पूर्व अध्यक्ष प्रेमसुख जाजड़ा ने कहा कि लोक देवता वीर तेजाजी के मेले को भव्य बनाने के लिए ३६ कौम के लोगों को साथ लेने की जरूरत है। तेजाजी के अनुयायी देश के कौने-कौने में बसते है। मजीत खालिया की टीम ने तेजाजी पर नृत्य गीत प्रस्तुत किया ।

यह रहे मौजूद
धर्मसभा में अखिल भारतीय वीर तेजा जाट जन्म स्थली संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखराम खुडख़ुडिय़ा, संस्थान के महासचिव भंवरलाल निम्बड़, संस्थान के कोषाध्यक्ष शिवकरण धोलिया, भोजास के समाज सेवी जगदीश बिडिय़ासर, पाबूसर के समाज सेवी अर्जुन डूडी, पूर्व सरपंच सुखराम राव, छात्र नेता महादेव खदाव, मेहराम धोलिया, भीखाराम कंकड़ावा, ओसियां कॉलेज के अध्यक्ष बीरबल भाकर, शिक्षक नेता अर्जुनराम लोमरोड़, छात्र नेता सुनील चौधरी, गुजर महासभा के उपाध्यक्ष रोहित गुजर, रामनारायण थोरी, भागीरथ नैण, सांवरमल, जेएनवीयू की कांता ग्वाला, यूथ क्लासेज के निदेशक महेन्द्र ग्वाला, टाईगर फोर्स के परमाराम भादू, डूंगरपुर कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष विजेन्द्र पाल, सरपंच खींयाराम, सरपंच दीपाराम, प्रदीप हुड्डा सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
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