पहले सुरक्षा उपकरण माल खानों में पड़े रहते थे, जिन्हें निकालने एवं पहनने में काफी समय लग जाता था। अब स्टैण्ड पर रखे होने से बहुत कम समय में पुलिसकर्मी उन्हें पहन सकेंगे। स्टैण्ड में अलग-अलग खाने बनाए गए हैं, जिनमें एक जवान की पूरी सामग्री रखी जाएगी। इस प्रकार सभी जवान एक साथ अपने-अपने सुरक्षा उपकरण पहन सकेंगे। इसके लिए पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी जा रही है और अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण कर यह चैक भी किया जा रहा कि विसल बजने के कितनी देर में कितने जवान तैयार हो आते हैं।
पुलिस वाहन में जाते समय जाब्ते व सारा साजो-सामान रखने की जगह नहीं रहती। इसको देखते हुए गाड़ी के ऊपर रूफ टॉप बंद कैरियर बनाया गया है, जिसमें ढाल, लाठी, जैकेट, हैलमेट, इंवेस्टिगेशन किट, ड्रेगन लाइट आदि रखने की व्यवस्था है। इसके साथ नाकाबंदी या अन्य काम के लिए छांव का सामान व फोल्डिंग स्टूल भी रखी जा सकेगी। करीब 22 किलो का कैरियर फाइबर से बना हुआ है और नागौर में ही तैयार करवाया गया है। आगे से थाने की गाडिय़ों में हमेशा के लिए साथ रहेंगे, ताकि जब भी गाड़ी बाहर जाए तो पुलिस के साथ रहे। नागौर पुलिस द्वारा तैयार करवाया गया यह कैरियर पुलिस के उपयोगी साबित होगा, जिसमें फस्र्ट एड किट, ड्राइवर लाइट विथ चार्जिंग सुविधा तथा ब्रेथ एनालाइजर, रिफ्लेटिंग जैकेट होंगे। फिलहाल जिले के तीन थानों की गाडिय़ों में इसे लगवाया गया है, यदि यह सफल रहा तो आने वाले दिनों में सभी थानों की गाडिय़ों में लगवाया जाएगा।
पुलिस का रेस्पॉन्स जल्दी हो और किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की स्थिति से तुरंत तैयार होकर निबट सके, रेस्पॉन्स टाइम बहुत मेटर करता है, खासकर लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में। इसके लिए दो नवाचार किए गए हैं, एक तो ढाल, लाठी, जैकेट, हैलमेट व्यवस्थित रूप से रखने का स्टैण्ड प्रत्येक थाने में रखवाया गया है। इसकी डिजायन हमने पुलिस हैडक्वार्टर को भेजी, जिसके बाद पीएचक्यू ने इसे पूरे राज्य में अपनाने के लिए टेंडर भी जारी कर दिए।
– परिस देशमुख, पुलिस अधीक्षक, नागौर