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नागौर

पहचान कार्ड के अभाव में ट्रांसजेण्डर ‘उत्थान’ से वंचित

– सरकारी सुविधाओं का नहीं मिल पाता लाभ
– नागौर, डीडवाना-कुचामन जिले में शिक्षा व जागरूकता की कमी के कारण विभाग से नहीं बनवा पाते पहचान कार्ड

नागौरMar 14, 2024 / 04:58 pm

Ravindra Mishra

पहचान कार्ड के अभाव में ट्रांसजेण्डर ‘उत्थान’ से वंचित

पहचान कार्ड के अभाव में ट्रांसजेण्डर ‘उत्थान’ से वंचित

रविन्द्र मिश्रा
नागौर. ट्रांसजेण्डर के समावेशी विकास के लिए राजस्थान सरकार ट्रांसजेण्डर उत्थान कोष योजना चला रही है। इसके तहत ट्रांसजेंडर्स को पढ़ाई से लेकर कारोबार करने तक की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। बस इसके लिए योजना के नोडल विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग से एक पहचान कार्ड जारी करवाना होता है, जो ट्रांस जेण्डर को मिलने वाली सुविधा के लाभ के लिए आवश्यक है। विडम्बना यह कि शिक्षा और जागरूता के अभाव में पहचान कार्ड नहीं बनवाने से ट्रांसजेंडर्स सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ लेने में आज भी पिछड़े हुए हैं। साथ ही योजना के प्रचार-प्रसार को लेकर विभाग की भी ढिलाई रही है। नागौर, डीडवाना-कुचामन जिले में विभाग के पास 15 ब्लॉक में मात्र चार ट्रांसजेंडर्स पहचान कार्ड बनवाने पहुंचे हैं। इनमें दो नागौर तथा एक-एक परबतसर व मेड़ता के हैं। यह पहचान कार्ड चिकित्सक की रिपोर्ट पर विभाग जारी करता है। कार्ड के बनने के बाद ट्रांसजेंडर व्यक्ति पेंशन, स्वरोजगार ऋण, आवासीय पट्टों मेंं रियायत व छात्रवृति का लाभ ले सकता है।
ऑनलाइन आवेदन

पहचान पत्र बनवाने के लिए ट्रांसजेण्डर को सभी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करनी होती है। इसमें चिकित्सक की रिपोर्ट व शपथ पत्र संलग्न कर ई-मित्र से आवेदन समिट करना होता है। इसके बाद जिला सामाजिक न्याय अधिकारी ट्रांसजेंडर्स को पहचान कार्ड जारी करता है। पहचान पत्र बनने के बाद दिव्यांग श्रेणी में उनको एक हजार रुपए मासिक पेंशन का लाभ भी मिलता है। कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपए दो कोर्स के लिए प्रदान किए जाते हैं।
कर सकते हैं स्वरोजगार
योजना के तहत जिस ट्रांसजेण्डर की आयु 21 से 50 वर्ष तक है उसे खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण लेने पर कुल लागत का 25 प्रतिशत अथवा अनुदान राशि रुपए 50 हजार जो भी कम हो मिलती है। किसी भी राष्ट्रीयकृत / सहकारी बैंक से ऋण लेने पर ऋण स्वीकृति के आधार पर जिलाधिकारी की ओर से अनुदान राशि आवेदक के ऋण खाते में जमा कराई जाती है। यह अनुदान एक बार ही मिलता है।
छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों का खर्च भी उठाएगी सरकार

ट्रांसजेडर बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा खर्च सरकार की ओर से उठाने का भी प्रावधान है। इसमें तकनीकी और प्रोफेशनल पढ़ाई के लिए पूरी फीस सरकार भरेगी। योजना का लाभ वे ही ले सकते हैं जिनके परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपए से कम हैं। ट्रासंजेंडर बच्चों को हर महीने प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में 225 रुपए और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के रूप में 1000 रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा घर से बाहर रहकर पढ़ाई करने पर मकान किराए का पैसा भी सरकार देती है।

विभाग शिविर लगाएं

नागौर, डीडवाना-कुचामन जिले में कई ट्रासंजेंडर है, जो स्थाई रूप से परबतसर, मकराना, नागौर व मेड़ता नागौर में रहते हैं। लेकिन जागरूकता के अभाव में सरकार की इस योजना के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। विभाग अगर शिविर लगाकर पहचान पत्र बनाकर दें, हम इसमें पूरा सहयोग करेंगे।
काजूकंवर, कुचामनसिटी
इनका कहना
सरकार की ट्रासंजेंडर जेण्डर के लिए अच्छी योजनाएं है, लेकिन विभाग के पास अब तक चार ट्रासंजेंडर के ही पहचान कार्ड के लिए आवेदन आए थे। उन्हें बनाकर दिए है, जिनका लाभ भी मिला है। जल्द ही शिविर लगाकर इनके पहचान कार्ड बनाना शुरू करेंगे।
किशनलाल लोल, उप निदेशक, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, नागौर

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