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रजिस्ट्रेशन नहीं होने से सैकड़ों किसानों को मंडी में बेचना पड़ा सरसों

locationनागौरPublished: May 29, 2019 11:04:30 am

Submitted by:

shyam choudhary

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों नहीं बिकने से किसानों को लगी हजारों की चपत- भंडारण क्षमता का अभाव बता बंद कर दिया था रजिस्ट्रेशन- राजफैड के प्रबंध निदेशक ने कहा – डिमांड आई तो शुरू करेंगे रजिस्ट्रेशन

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एमएसपी पर खरीद, किसानों में कहीं खुशी तो कहीं नाराजगी

नागौर. नागौर जिले सहित प्रदेशभर में सरसों व चने को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं होने से सैकड़ों किसान एमएसपी पर अपनी उपज बेचने से वंचित रह गए, जिसके चलते उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। हालांकि राजफैड के प्रबंध निदेशक का कहना है कि उन्होंने प्रदेश में सरसों व चने की खरीद के लिए 4 लाख, 45 हजार, 184 रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा था, जिसकी तुलना में कुल 3 लाख 47 हजार 330 रजिस्ट्रेशन ही हो पाए हैं। ऐसे में यदि किसी जिले से डिमांड आएगी तो वे रजिस्ट्रेशन शुरू करवा देंगे, जबकि मार्च में कुछ दिन बाद जब रजिस्ट्रेशन बंद हो गया तो किसानों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर रजिस्ट्रेशन शुरू करवाने की मांग की थी, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गौर करने वाली बात यह है कि मार्च में जब रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था, उस समय सभी किसानों का रजिस्ट्रेशन होने से पहले ही वेबसाइट बंद हो गई थी, जिसको लेकर स्थानीय अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि लिमिट के अनुसार ही रजिस्ट्रेशन होगा और खरीद केन्द्र की क्षमता के अनुरूप टोकन जारी किए जाएंगे। खरीद की लिमिट तय करने का आधार भी उन्होंने उत्पादन को बताया था। उस स्थिति में जो किसान रजिस्ट्रेशन से वंचित रह गए थे, उन्होंने अपनी उपज मंडी में बेच दी।
एमएसपी खरीद एक नजर
जिले के लाभान्तिव किसान
सरसों – 5191 किसान
चना – 509 किसान
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जिले में खरीद की मात्रा
सरसों – 116048.5 क्विंटल
चना – 10656 क्विंटल
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नागौर में कुल खरीद
सरसों – 48,74,03,700 रुपए
चना – 4,92,30,720 रुपए

मूंग भी नहीं बेच पाए थे किसान
गौरतलब है कि गत वर्ष समर्थन मूल्य पर मूंग बेचने के लिए भी किसानों को सरकार ने कई चक्कर कटवाए थे। बार-बार रजिस्ट्रेशन बंद होने तथा आधे-अधूरे किसानों का रजिस्ट्रेशन करने के बाद साइट बंद करने से निराश हजारों किसानों ने मंडी में प्रति क्विंटल एक हजार से 15 रुपए तक नुकसान झेलकर मूंग बेचे थे। इसी प्रकार सरसों व चना में भी रजिस्ट्रेशन बंद होने से किसानों ने अपनी उपज कम दामों में मंडी के व्यापारियों को बेच दी। अब राजफैड के अधिकारी यह कह रहे हैं कि उनके लक्ष्य के अनुरूप रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ।
कहीं से नहीं मिली डिमांड
राजफैड के प्रबंध निदेशक ने बताया कि अभी तक हमारे पास नागौर में कहीं से भी रजिस्ट्रेशन को लेकर डिमांड नहीं आई है। नगाौर में 10 हजार 734 किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसके अलावा और भी कहीं किसान समर्थन मूल्य पर सरसों बेचना चाहे तो और उसकी डिमांड हमारे पास आने पर रजिस्ट्रेशन शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि 30 जून तक हमारी खरीद प्रक्रिया चालू रहेगी, इसलिए उसको ध्यान में रखते हुए खरीद केन्द्र की क्षमता के अनुसार टोकन जारी किए जा रहे हैं, ताकि तय सीमा में खरीद प्रक्रिया पूरी हो जाए।
डिमांड आएगी तो करवा देंगे रजिस्ट्रेशन
प्रदेश भर में हमने करीब साढ़े चाल लाख रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा था, लेकिन उसकी तुलना में पौने चार लाख किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया। हमारे पास अब भी 75 हजार रजिस्ट्रेशन करने का कोटा शेष है। यदि नागौर में सभी किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ और वहां के अधिकारी या जिला प्रशासन हमें लिखित में अवगत करवाएगा तो हम रजिस्ट्रेशन करवा देंगे।
– ज्ञानाराम चौधरी, प्रबंध निदेशक, राजफैड, जयपुर

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