नागौरPublished: Nov 16, 2018 07:02:04 pm
Pratap Singh Soni
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मकराना- आरती करते श्रद्धालुजन।
मकराना. कलयुग में सांसारिक भावसागर से पार जाने का सबसे बड़ा एवं सुगम साधन है राम नाम। राम नाम श्रवण अथवा सुमरिन से जीव अपने कई जन्मों के पापों से छुटकारा प्राप्त कर परमात्मा के चरणों में स्थान प्राप्त कर सकता है। यह बात भाटीपुरा में आयोजित रामकथा आयोजन के सातवें दिन शुक्रवार को संत महेश महाराज ने कही। उनका कहना था कि जो व्यक्ति सत्संग में शामिल होते हुए परमात्मा की कथा का श्रवण करने के साथ उस कथा को अपने जीवन में उतार लें, उसे हमेशा के लिए जीवन मरण के चक्रसे छुटकारा मिल जाता है। महाराज के अनुसार परमात्मा को हर समय अपनी नही बल्कि अपने भक्तों की चिंता रहती है, परमात्मा चाहते है कि उन्हें कोई याद करे अथवा नही उनके भक्तों का हमेशा सम्मान होता रहना चाहिए। राम भक्त हनुमान का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम के वरदान स्वरूप ही आज राम से ज्यादा हनुमान पूजे जाते है वही हमेशा भगवान के साथ शबरी को याद किया जाता है। भरत मिलाप प्रसंग का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि आज भी हम राम की प्राप्ति कर सकते है लेकिन राम सरिखें भाई को प्राप्त करने के लिए पहले हमें अपने आप को भरत के समान बनाने की जरूरत है। कथा के दौरान नयनाभिराम आकर्षक सुंदर सजीव झांकियां सजाई गई वही महारान द्वारा संगीत के साथ भजनों की प्रस्तुतियां दी गई, जिस पर कई श्रद्धालु श्रौता भावविभोर होकर नाचनें लगे। आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ कथा का विश्राम हुआ। इस दौरान मुख्य यजमान सुरेन्द्र कुमार राजपुरोहित, रामेश्वर शर्मा, रूपचंद सैन, सांवरलाल सैनी, गिरिराज चौहान, रामदीन सिंगोदिया, कैलाश चंद तुंदवाल, लालचंद तंवर, पंकज भाटी, गोपाल माली तथा सीताराम ग्रामसेवकसहित काफी संख्या में श्रद्धालु महिला-पुरूष शामिल थे।